छिनकाछीना-मैरोली सड़क पर 12 साल बाद भी नहीं हो सका डामरीकरण, ग्रामीण अब करेंगे आंदोलन
पाटी। छिनकाछीना-मैरोली सड़क पर 12 साल बाद भी डामरीकरण नहीं हो सका है। अनसुनी होने से नाराज ग्रामीण अब क्षेत्रीय विकास संघर्ष समिति बनाकर डामरीकरण के लिए आंदोलन करेंगे। समिति के बैनर तले एकजुट ग्रामीणों ने सोमवार को सांकेतिक प्रदर्शन कर एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन भी दिया।
आठ किमी लंबी छिनकाछीना-मैरोली सड़क बनाने के लिए वर्ष 2010 में कटिंग हुई थी। इससे तोली, मैरोली, किमाड़ी, नैनी, पंतोला, लड़ा, रौलमेल, बड़ेत आदि गांवों में रहने वाले लोगों को लाभ हुआ, लेकिन पाटी मुख्यालय की निकटवर्ती इस सड़क पर डामरीकरण तक नहीं हो सका है।
इससे नाराज लोगों ने सांकेतिक प्रदर्शन कर क्षेत्रीय विकास संघर्ष समिति के बैनर तले एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए समिति के पदाधिकारियों का भी चयन किया गया है। इसमें पीतांबर गहतोड़ी अध्यक्ष, गोविंद बल्लभ उपाध्यक्ष, माधवानंद भट्ट कोषाध्यक्ष, सुंदर सिंह लडवाल संप्रेक्षक बने हैं। इस दौरान नारायण सिंह, मथुरा दत्त, रवीश पचौली, नवीन राणा, आनंद बल्लभ, दीपक चंद्र, हेम चंद्र, गिरीश लडवाल, रवींद्र लडवाल, त्रिलोचन गहतोड़ी, घनश्याम पचौली आदि मौजूद रहे।
नहीं बन सकी चमतोला.ओलना सड़क
चम्पावत। विकासखंड में चमतोला से ओलना तक प्रस्तावित पांच किमी लंबे मोटर मार्ग का निर्माण न होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस सड़क को बनाने के लिए लोनिवि ने करीब चार साल पहले सर्वे कराया था, लेकिन भूगर्भीय जांच में प्रस्तावित एलाइनमेंट में चट्टान आ जाने के कारण सड़क नहीं बन सकी। क्षेत्र के ग्राम प्रधान हरीश चंद्र जोशी, पूर्व प्रधान पूर्णानंद जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गा दत्त भट्ट, मोती राम, मथुरा दत्त जोशी, गोविंद बल्लभ जोशी, बेनीराम जोशी आदि ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। जिसमें ग्रामीणों ने प्रस्तावित एलाइनमेंट को बदल कर सड़क की नई सर्वे कराने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित सड़क बनने से तीन हजार से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मौराड़ी तक सड़क पहुंचने से ग्रामीणों समेत शिक्षक, शिक्षार्थियों को भी सुविधा मिल सकेगी।