मौनकांडा हादसा : निलंबित शिक्षक देवराम पर लापरवाही के आरोप की पुष्टि

चम्पावत। पाटी ब्लॉक के मौनकांडा राजकीय प्राथमिक स्कूल के निलंबित शिक्षक देवराम पर लगे आरोपों की मोटे तौर पर पुष्टि हुई है। जांच अधिकारी बाराकोट के खंड शिक्षाधिकारी भानु प्रताप कुशवाहा का कहना है कि अगर थोड़ी सतर्कता बरती गई होती तो शायद हादसा बच सकता था। छात्र-छात्राओं को निष्प्रयोज्य शौचालय वाली जगह में जाने से रोकने में चूक हुई है। जांच अधिकारी सोमवार तक जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) को रिपोर्ट सौंप देंगे।
मौनकांडा प्राथमिक विद्यालय में 14 सितंबर को मध्यांतर के दौरान निष्प्रयोज्य शौचालय की छत गिरने से छात्र चंदन सिंह लडवाल की मौत हुई थी जबकि पांच छात्र-छात्राएं घायल हुए थे। हादसे वाले दिन स्कूल में मौजूद अकेले शिक्षक देवराम पर ग्रामीणों ने लापरवाही सहित कई आरोप लगाए थे। इस पर जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) चंदन सिंह बिष्ट ने 16 सितंबर को देवराम को निलंबित किया था। जांच अधिकारी बाराकोट के बीईओ ने जांच पूरी कर ली गई है। चार बिंदुओं पर होने वाली जांच में मोटे तौर पर ज्यादातर शिकायतें सही पाई गई हैं। देवराम का शिक्षण कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया है। साथ ही शिक्षक सतर्क रहते तो शायद मौनकांडा स्कूल में हादसा बचाया जा सकता था। उधर निलंबित शिक्षक देवराम पहले ही आरोपों को नकार चुके हैं। कहा कि उन्हें जाति विशेष का होने की वजह से कुछ लोग निशाना बना रहे हैं।


