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लोहाघाट : अद्वैत आश्रम मायावती में धूमधाम से मनाई गई मां शारदा की 172वीं जयंती

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लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट क्षेत्र के प्रसिद्ध अ‌द्वैत आश्रम मायावती में स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण मिशन की आध्यात्मिक सहधर्मिणी मां शारदा की 172वीं जन्मतिथि को उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रबुद्ध भारत के सम्पादक स्वामी दिव्यकृपानंद महाराज द्वारा शारदा मां के जीवन में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सारदा मां भारत के सुप्रसिद्ध संत स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक सहधर्मिणी थीं। रामकृष्ण मिशन में वह श्रीमों के नाम से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि शारदा मां और रामकृष्ण परमहंस का विवाह संबंध अलौकिक था। राम कृष्ण देव हमेशा शारदा देवी को माँ के रूप में देखते थे।

स्वामी दिव्यकृपानंद ने बताया कि शारदा मां कहा करती थीं यदि आप मन की शांति को चाहते हैं तो दूसरों के दोष न देखें बल्कि अपने स्वयं के दोष देखें। पूरी दुनिया को अपना बनाना सीखें। यहां कोई अजनबी नहीं है। पूरी दुनिया आपकी अपनी है। उन्होंने बताया कि शारदा देवी ने रामकृष्ण मिशन के सलाहकार प्रमुख के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो सामाजिक कार्यो के लिए समर्पित एक मठवासी आदेश बन गया।

खुद अशिक्षित उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा की वकालत की। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में भाग लेने के अपने इरादे के बारे में उनकी राय जानने के लिए उन्हें एक पत्र लिखा था। उनका आशीर्वाद लेने के बाद ही उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया। आश्रम में प्रबोधन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में आश्रम के प्रबंधक स्वामी सुहृदयानंद जी, स्वामी ध्यानसठानंद जी महाराज, चम्पावत डीएफओ चम्पावत विजय पंत, आईटीबीपी के कमांडेंट धरमपाल सिंह रावत, कलेक्ट्रेट चम्पावत के प्रभारी अधिकारी भगवत प्रसाद पांडेय, अमरनाथ वर्मा, धरम सिंह अधिकारी, खिलानंद जुकरिया, शशांक पाडेय, भास्कर मुरारी, कमल राय, प्रकाश उपाध्याय, लक्ष्मण मेहता, बची सिंह जीना, मनीष जुकरिया, सतीश खर्कवाल, सतीश पाडेय, बृजेश मेहरा, कुलदीप देव, विनोद बगौली, शेखर पुनेठा, सुमित पुनेठा, संदीप बगौली, कमल सिंह, लीला पाडेय, प्रमिला जोशी समेत प्राथमिक विद्यालय फोर्ती के बच्चे एवं कई स्थानीय लोग मौजूद रहे।