उत्तराखण्डनवीनतम

उत्तराखंड # 62 प्रतिशत पीसीएस अफसराें ने नहीं दिए वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण, सूचना अधिकार से हुआ खुलासा

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड में पादर्शिता तथा भ्रष्टाचार नियंत्रण के कितने ही दावे किए जाएं, लेकिन प्रदेश की नौकरशाही में बैठे अधिकारी ही पारदर्शिता व भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए लागूू किए गए नियमोें का पालन नहीं कर रहे हैैं। इसका खुला आइटीआई के तहत मांगी गई सूचना में हुआ है। कार्मिक विभाग द्वारा पीसीएस अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020 के वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण द‍िया गया है। आरटीआई एक्टीविस्ट नदीम उद्दीन (एडवोकेट) आरटीआई लगाई थी। इसके अनुसार कुल 151 पीसीएस अधिकारियों में सेे केवल 38 प्रतिशत यानी 57 अधिकारियोें नेे ही 2020 का वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण दिया है, जिसमें से केवल 27 अधिकारियों ने ही निर्धारित समय सीमा अगस्त 2020 तक दिया है, जबकि 30 अधिकारियोें ने इस समय सीमा के बाद देरी से दिया है। वहीं 62 प्रतिशत 94 शनी अधिकारियों ने दिया ही नहीं हैै।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड शासन केे कार्मिक विभाग केे लोक सूचना अधिकारी सेे वार्षिक सम्पत्ति विवरण देेने व न देेनेे वाले अधिकारियों तथा सम्बन्धित नियमोें की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में कार्मिक विभाग के लोेक सूचना अधिकारी/अनुसचिव हनुमान प्रसाद तिवारी नेे नदीम को अचल सम्पत्ति विवरण देेनेे वालेे पी.सी.एस. अधिकारियोें की सूची अपने पत्रांक 8(1) 15 अप्रेल 2021 से उपलब्ध करायी है। प्रदेश में कुल 151 पी.सी.एस. अधिकारी कार्यरत है। इसमें से केवल 57 पी.सी.एस. अधिकारियों ने अपना 2020 का वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें से केेवल 27 अधिकारियोें ने ही शासनादेश संख्या 408 दिनांक 21 अगस्त 2014 से निर्धारित समय सीमा 31 अगस्त तक उपलब्ध कराया है।
अगस्त 2020 तक समय सीमा के अन्दर सम्पत्ति विवरण उपलब्ध कराने वाले 27 पी.सी.एस. अधिकारियों में आलोक कुमार पांडेय, आशोक कुमार पाण्डेय, अवधेश कुमार सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, डा अभिषेक त्रिपाठी, डाॅ आनन्द श्रीवास्तव, डाॅ ललित एन मिश्रा, गौैरव चटवाल, हेमन्त कुमार वर्मा, जगदीश सी कान्डपाल, कृष्णनाथ गोस्वामी, मनीष कुमार सिंह, मौहम्मद नासिर, मोहन सिंह बर्निया, मुक्ता मिश्रा, निर्मला बिष्ट, प्रत्युष सिंह, परीतोष वर्मा, प्रकाश चन्द्र, राकेश चन्द्र तिवारी, रामजी शरण शर्मा, रिंकू बिष्ट, शैलेन्द्र सिंह नेगी, शिप्रा जोशी, सोनिया पन्त, त्रिलोक सिंह मारतोलिया व विप्रा द्विवेदी शामिल है। समय सीमा के कुछ बाद सितम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देने वाले 9 अधिकारियों में अनिल कुमार चनयाल, अरविन्द कुमार पाण्डेय, हंसादत्त पाण्डेय, जय भारत सिंह, जीवन सिंह नगन्याल, झरना कमठान, कमलेश मेहता, मीनाक्षी पठवाल तथा नुपूर वर्मा शामिल हैं।
अक्टूबर 2020 में देरी से सम्पत्ति विवरण देने वाले 5 अधिकारियों में अब्ज प्रसाद बाजपेयी, फिंचाराम चैैहान, सुधीर कुमार, वीर सिंह बुदियाल तथा विवेेक राय शामिल हैै। नवम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देनेे वाले दो अधिकारियों में अनुराग आर्य व बुसरा अंसारी शामिल है। दिसम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देने वाले अधकारी में वैैभव गुप्ता शामिल है। वर्ष 2020 का सम्पत्ति विवरण 4 माह या अधिक की देेरी से 2021 में देनेे वाले 13 अधिकारियों में जनवरी में देने वाले हर गिरी व सुन्दर लाल सेमवाल शामिल है।फरवरी 2021 में सम्पत्ति विवरण देनेे वाले दो अधिकाािरयों में बंशीलाल राणा व हरवीर सिंह शामिल है। मार्च 2021 में सम्पत्ति विवरण देने वाले 7 अधिकारियों में गोपाल राम बिनवाल, पंकज उपाध्याय, शालिनी नेगी, कुसुम चैैहान, लक्ष्मीराज चैैहान, विजयनाथ शुक्ल तथा सीमा विश्वकर्मा शामिल हैै। अप्रैल 2021 में सम्पत्ति विवरण देनेे वाले दो अधिकारियों में प्रताप शाह व कैैलाश टोेलिया शामिल हैं।