नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 7 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला…

13 साल पुराने लैंड फ्रॉड मामले में पुलिस ने अब तेज कर दी है कार्रवाई, इसको लेकर हो रही है सियासत भी
देहरादून। उत्तराखंड के कुमाऊं से एक बड़ा मामला सामने आया है। काठगोदाम थाना पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बेटे हरेंद्र कुंजवाल समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह मामला गौलापार क्षेत्र के देवला तल्ला पजाया गांव में सरकारी जमीन की कथित खरीद-फरोख्त से जुड़ा है।

इस मामले में रविशंकर जोशी ने अगस्त 2025 में प्रकरण की शिकायत आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल से की थी। शिकायत में कहा गया था कि जमीन सौदे में अनियमितताएं की गई हैं। मामले की जांच कमिश्नर की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड समिति को सौंपी गई। जांच रिपोर्ट में सभी आरोपियों की संलिप्तता पाई गई। जिसके बाद आईजी के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। एसपी सिटी प्रकाश आर्य ने बताया आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी और साजिश रचने से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया है। फिलहाल दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जिलाधिकारी ने संबंधित भूमि पर कब्जा लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे प्रशासन की मंशा पर भी संदेह पैदा हो रहा है। इस पूरे प्रकरण पर दीपा दरमवाल ने सफाई देते हुए कहा उन्होंने विधि अनुसार रजिस्ट्री कराई है। मामला अदालत में विचाराधीन है। हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करेंगे। वहीं गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अपने बेटे का पक्ष रखते हुए कहा हरेन्द्र ने कानूनी प्रक्रिया के तहत जमीन खरीदी है, अगर कोई गड़बड़ी है तो कार्रवाई जमीन बेचने वाले के खिलाफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कोर्ट का जो भी फैसला होगा हम उसका पालन करेंगे। सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त के इस 13 साल पुराने मामले में पुलिस ने अब कार्रवाई तेज कर दी है। नैनीताल जिले के इस लैंड फ्रॉड केस की राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा है।