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यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के बाद विधानसभा में भी धांधली! बैकडोर भर्तियों पर अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने लगाई थी मुहर

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उत्तराखंड अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में घपले के बाद अब विधानसभा में हुई बैकडोर 72 भर्तियों का मसला फिर सुर्खियों में आ गया है। विधानसभा अध्यक्ष रहते प्रेमचंद अग्रवाल ने बैकडोर से यह भर्तियां कराई थीं और बाद में वित्त मंत्री बनने पर इन भर्तियों को मंजूरी भी दे दी। कई नेताओं के पीआरओ और रिश्तेदारों को यहां नौकरियां मिली हैं। उत्तराखंड में विधानसभा गठन की नींव पड़ते ही बैकडोर भर्तियों का खेल शुरू हो गया था। पहले स्पीकर रहे प्रकाश पंत से लेकर यशपाल आर्य, हरबंश कपूर, गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर भर्तियां की गई।
अलबत्ता किसी ने सीमित संख्या में तो कइयों ने बंपर भर्तियां कर डाली। इसी साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता से पहले भी तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कार्यकाल में बैकडोर जरिए 72 भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन तब वित विभाग के पेंच के चलते नियुक्ति की प्रक्रिया अटक गई थी। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में 29 मार्च को प्रेमचंद अग्रवाल को जैसे ही वित्त महकमा मिला तो अगले दिन संबंधित फाइल को हरी झंडी मिल गई। सूत्रों ने बताया कि इन भर्तियों में ज्यादात्तर नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है।

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कुंजवाल के वक्त हुई थी 158 भर्तियां
कांग्रेस कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहते गोविंद कुंजवाल ने भी जाते-जाते बंपर 158 बैकडोर भर्तियां की थी। खास बात यह है कि एक खास क्षेत्र से ज्यादात्तर लोगों को नौकरियां बांटी गईं। तब भाजपा नेताओं ने इन भर्तियों में लेन.देन की बातें उठाई थी, लेकिन भर्तियों पर कोई आंच नहीं आई।

अब क्या विधानसभा में भर्तियों की भी होगी जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की उन भर्ती परीक्षाओं की जांच बैठा दी है। जिनमें धांधली की शिकायत मिली है। भाजपा सरकार में ही विधानसभा की बैकडोर भर्तियों में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ीं। यहां तक की भर्तियों से पूर्व विज्ञप्ति तक जारी नहीं की गई। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम धामी अब इन भर्तियों की भी जांच कराएंगे।

मैंने विधानसभा में किसी भी भर्ती में भ्रष्टाचार की बात नहीं कही है। विधानसभा में मेरे कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों की जरूरत पड़ने पर नियमानुसार ही भर्तियां की गई। ये सभी भर्तियां अस्थायी तौर पर हुई हैं।
प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री

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