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सभी विभाग खाली पड़े भवनों की जीआईएस मैपिंग के साथ दस दिनों में दें संपूर्ण जानकारी : डीएम चम्पावत

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चम्पावत। जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने बुधवार को जिला कार्यालय सभागार में विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विभागों द्वारा गत वित्तीय वर्ष के अवशेष कार्य जो पूर्ण नहीं किए हैं, उन्हें शीघ्रता से पूर्ण करने के साथ ही कार्य योजनाओं का नाम सूचना पट पर सम्बन्धित कार्य स्थल पर अनिवार्य रूप से लगायें। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिस भी विभाग का कोई भी भवन वर्तमान में खाली पड़ा हो तो उस भवन की जीआईएस मैपिंग सहित सूचना 10 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से प्रेषित करें, जिससे उस भवन पर अन्य किसी विभाग को समायोजित किया जा सके और उसका सही उपयोग किया जा सके, जिससे कि कोई भी सरकारी विभाग का कार्यालय किराये के भवन में ना रहे। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को पंचायत भवनों की स्थिति की भी रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित करने के निर्देश दिए।





बैठक में जिलाधिकारी ने जिले में वनाग्नि रोकथाम को लेकर भी जिला वनाग्नि प्रबन्धन समिति की बैठक करते हुए समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि वन क्षेत्रों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाए। वनाग्नि की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से गश्त करते रहें और आग लगाने वालों की प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि रोकथाम में योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कृत भी करें। जिलाधिकारी ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वह जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल ने बताया कि वनों में आग लगने के मुख्य तीन कारण होते हैं, प्राकृतिक कारण, जन सामान्य द्वारा लापरवाही व जानबूझकर आग लगाना। जिसमें जानबूझकर आग स्थानीय निवासियों द्वारा नई घास प्राप्ति एवं रास्तों को साफ करने समेत विभिन्न कारणों से वनाग्नि की घटनाएं होती हैं। उन्होंने बताया कि वनाग्नि के बहुत से दुष्परिणाम होते हैं।




वृक्षों के जल जाने से वर्षा जल के भूमि के अंदर जल रिसाव में कमी आ जाती है, जिससे जल स्रोतों का परीपोषण दुष्प्रभावित होता है। इस कारण जल स्रोत सूख जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रभाग के अंतर्गत गठित कुल 80 घटनाओं में से आरक्षित वन में घटित 69 घटनाओं में से भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के तहत जुर्माना केस विभागीय रूप से दर्ज किए गए हैं तथा भिंगराड़ा रेंज के अंतर्गत एक घटना में थाना रीठा में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन्होंने अवगत कराया कि जनपद में कुल 55 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं जिसमें 24 घंटे फायर वाचर रहते हैं जिसमें सबसे ज्यादा 17 क्रू स्टेशन बूम रेंज में बनाए गए हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेद्र सिंह रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी केके अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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