उत्तराखंड के साथ ही यूपी के मतदाताओं को भी साध रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, लखनऊ में इन कार्यक्रमों में हुए शामिल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के साथ ही यूपी में भी लोगों को साधने का काम कर रहे हैं। यूपी दौरे के दौरान बुधवार को वह दो बड़े कार्यक्रमों में शामिल हुए। अगले साल की शुरुआत में यूपी के साथ ही उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उत्तराखंड और यूपी सहित चुनाव वाले राज्यों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दौरों का सिलसिला भी चल रहा है। वहीं, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के साथ ही यूपी में भी लोगों को साधने का काम कर रहे हैं। यूपी दौरे के दौरान बुधवार को वह ऐसे दो बड़े कार्यक्रमों में शामिल हुए, जहां लोगों से सीधा संवाद किया जा सके। वहां उन्होंने उत्तराखंड में किए जा रहे कामों को गिनाया। साथ ही ये बताने का प्रयास किया कि सिर्फ भाजपा ही देश का विकास कर सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद लखनऊ की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर पर्वतीय महापरिषद लखनऊ के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं प्रवासी प्रदेश वासियों ने बड़ी संख्या में महापरिषद के भवन में मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्वतीय महापरिषद लखनऊ द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, लोक संगीत, लोक नृत्य, धार्मिक पौराणिक सामाजिक रीति रिवाजों को जीवन्तता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड भले ही पृथक राज्य बना हो किन्तु हमारे संबंध उत्तर प्रदेश से बहुत गहरे जुड़े हैं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड के विकास में भी सहयोगी बनने की अपेक्षा की, साथ ही सभी से अपनी जन्म भूमि से जुड़ाव रखने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ की भूमि से उनका बचपन से जुड़ाव रहा है, यहां से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वर्ष 2025 में जब राज्य को 25 साल पूरे होंगे तब हमारा राज्य युवा राज्य होने के साथ ही देश का श्रेष्ठ, उत्कृष्ट एवं आदर्श राज्य बने। इस दिशा में हम वचनबद्ध एंव दृढ़ संकल्पित है। पिछले पांच वर्षो मे केन्द्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड की विभिन्न परियोजनायें प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं। इनमे बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड मे सड़क मार्गो का विकास किया जा रहा है वहीं पहाड़ मे रेल का सपना भी साकार होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 लाख लोगों के उत्तराखंड अटल आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। अब तक 3.50 लाख लोगों ने इसका लाभ उठाने के साथ ही 460 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव है। हाल ही में उन्होंने केदारनाथ में 400 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण किया है। केदारपुरी में अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है। शंकराचार्य जी की समाधि स्थल तथा भव्य मूर्ति का भी प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा अनावरण किया गया है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में एल्यूमिनी ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को देर सायं लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंचे। लखनऊ विश्वविद्यालय के एल्यूमिनी द्वारा विश्वविद्यालय परिसर स्थित मालवीय सभागार में मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। एल्युमिनी की निदेशक निशी पांडेय ने बुके देकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लविवि के मालवीय सभागार में सम्मेलन कार्यक्रम में आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। यहां आकर गुरुजनों का आशीर्वाद मिला। साथियों का स्नेह मिला तथा स्वागत से अभिभूत हैं। उनकी यहां आने की बहुत इच्छा थी, लेकिन नहीं आ सका। शायद भगवान की इच्छा रही कि वे मुख्य सेवक होकर आपके बीच पहुंचूं। बिना भगवान की इच्छा के एक पत्ता भी नहीं हिलता। मेष से लेकर मीन राशि तक के जितने भी संगी साथी और नौजवान वहां मौजूद थे, सबका उन्होंने आभार जताया।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने गांव से भी बहुत लगाव है। अब भी मौका मिलता है गांव जाता हूं। लेकिन अब व्यस्तता इतनी हो गयी कि ज्यादा समय नहीं मिल पाता। उन्होंने मध्य प्रदेश के सीएम का उल्लेख करते हुए कहा कि कई साल पहले जब वे उनसे मिलने गये बहुत आत्मीयता से मिले। गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गए। मैंने उनसे कहा कि आप पहले जैसे हैं बदले नहीं। उनसे उन्हें यह सीख मिली कि व्यक्ति को अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें मंत्री बनने की उम्मीद थी, लेकिन नहीं बन सका।
तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल का भी उल्लेख किया कि तब भी कुछ नहीं हुआ, लेकिन अचानक समय ने करवट ली। तीरथ सिंह रावत की जगह सीएम बनने की विधानमंडल दल की बैठक में प्रभारी बनाए गए नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में विधायक दल की बैठक में मेरा नाम तय कर दिया गया। वे संकोची स्वाभाव के हैं, कार्यक्रमों में भी पीछे बैठते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा यह भाजपा में ही संभव है जो अपने कार्यकर्ताओं की क्षमता को जानती है जिम्मेदारी देती है, आगे बढ़ाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में देवस्थानों के कायाकल्प की योजनाएं चल रहीं। दुर्गम स्थानों में भी रेल आवागमन की सुविधा।
उन्होंने कहा कि वे सैनिक के बेटे हैं, उनके परिवारों के कष्टों-दुखों को जानते हैं। पहले सेना के परिवार वालों को युद्ध में तमाम शंकाए रहती थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के परिवार वालों का संशय खत्म किया। जवानों का सम्मान बढ़ाया। इस संबध में उन्होंने गलवान घाटी की घटना का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने पुरानी यादों को भी साझा किया। बसंती चाची की चाय और पप्पू ढ़ाबे के खाने को याद किया। उन्होंने युवाओं से अच्छा कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि साधारण लोग ही असाधारण कार्य करते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह विशेष अवसर है जब हम अपने बीच के सहयोगी का स्वागत कर रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी ने छात्र जीवन बिताया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में दायित्वों का बेहतर निर्वहन किया। धामी ने एक आदर्श स्थापित किया कि संघर्ष, संस्कार और सहनशीलता से कैसे इस ऊंचाई तक पहुंचा जा सकता है। इस अवसर पर लविवि के पूर्व अध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कहा कि छात्र जीवन में लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी के साथ मिलकर संघर्ष किया। यह हमारे लिए यह सौभाग्य का विषय है कि वह अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं। धामी आज सीएम हैं, लेकिन वह इस पद पर रहते हुए भी पहले की तरह की सरलता सहजता बनाए हैं। दूरदर्शी धामी राजनीति के सर्वोच्च ऊंचाई तक पहुंचेगे। कार्यक्रम में यूपी सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि धामी के सीएम बनने की जानकारी से लविवि और लखनऊ में उत्साह उत्तराखंड से कम नहीं था। उन्होने कहा कि धामी देश के युवा सीएम हैं। वह राजनीति में बहुत आगे जाएंगे।
हनुमान मंदिर में की पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को लखनऊ प्रवास के दौरान लख़नऊ में हनुमान सेतु स्थित हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की प्रगति तथा प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।
विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से उनके लखनऊ स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। इसके साथ ही उन्होंने शाल एवं विधान सभा का मोमेंटो भी मुख्यमंत्री को भेंट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शाल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को स्वरचित पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्रष्टा, दृष्टि और दर्शन, अथर्ववेद का मधु, ज्ञान का ज्ञान, मधु अभिलाषा हिन्द स्वराज्य का पुनर्पाठ, राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ अर्न्तसंवाद एवं संसदीय दीपिका की मासिक पत्रिका भी भेंट की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पण्डित दीनदयाल उपाध्याय पर लिखी पुस्तक के लेखन शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं एवं भारतीय सांस्कृतिक एवं आर्थिक दर्शन का जिस तरह विश्लेषण किया गया है, वह जन-जन के लिए उपयोगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़े हैं। यहां के विद्यार्थी जीवन से लेकर राजनीति के क्षेत्र में आने तक उनका लखनऊ से जुड़ाव रहा है। लखनऊ प्रवास के बीच उनकी विश्व संवाद केन्द्र में विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित जी से भेंट होती रहती थी। उन्हें राजनैतिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मामलों में श्री दीक्षित का सदैव मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। इन सब स्मृतियों का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रथम बार लखनऊ आने का अवसर प्राप्त हुआ है। लखनऊ आने पर सर्वप्रथम उन्होंने अपने अग्रजों और मार्गदर्शकों से भेंट करने का कार्यक्रम बनाया है। अध्यक्ष जी से भेंट कर उन्हें काफी प्रसन्नता हुई है। उनकी पुस्तकें और उनके सम्पादकीय लेख उन्हें सदैव प्रेरणा देते रहे हैं और भविष्य में भी प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।