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अंकिता भंडारी हत्याकांड, आज आएगा कोर्ट का फैसला, पिता की भावुक अपील, मेरे जीते जी बेटी के हत्यारों को फांसी हो

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उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। आज इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट कोटद्वार का फैसला आने की उम्मीद है। कोर्ट का फैसला आने से पहले अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी का बयान आया है। वीरेंद्र सिंह भंडारी ने भावुक अपील करते हुए बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।

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वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि जिन तीन दरिंदों ने उनकी निर्दोष बेटी को मारा है, उन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए। 30 मई यानि आज अंकिता भंडारी हत्याकांड पर कोर्ट का फैसला आने वाला है, इसलिए वो चाहते हैं कि उनके जीते जी उनकी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा हो। वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका से पूरी उम्मीद है। तीनों आरोपियों को फांसी की ही सजा होनी चाहिए। वीरेंद्र भंडारी का आरोप है कि इस केस में सरकार वीआईपी का नाम छिपाकर उसे बचाने की कोशिश कर रही है।

पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक की रहने वाली 22 साल की अंकिता भंडारी उसी इलाके में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। आरोप है कि वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर गलत काम करने का दबाव बनाया था, जिसका अंकिता भंडारी ने विरोध किया था। आरोपी है कि इसी वजह से वो अपनी नौकरी भी छोड़ने वाली थी।

आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता भंडारी नौकरी छोड़ने के बाद उसका भंडाफोड़ देगी। इसलिए पुलकित आर्य 18 सितंबर 2022 की रात को किसी बहाने से अंकिता भंडारी को वनंतरा रिजॉर्ट से बाहर ले गया और चीला नहर में धक्का देकर उसे मार दिया। हत्या के बाद पुलकित आर्य ने अंकिता के परिजनों को भी गुमराह किया। करीब एक हफ्ते बाद अंकिता की लाश चीला नहर से मिली थी। इस मामले में पुलिस ने रिजॉर्ट के दो अन्य कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी गिरफ्तार किया था।

सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। जिस पर दोनों पक्षों की ओर से बहस भी हो चुकी है। इस पूरे केस में कुल 97 गवाह बनाए गए थे, जिसमें से 47 गवाहों को कोर्ट में बयान दर्ज कराए। आरोपियों पर विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। जिसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा है। उम्मीद है कि आज 30 मई को इस केस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट कोटद्वार अपना फैसला सुनाएगा।

दो साल आठ महीने चली सुनवाई, एडीजे कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) शुक्रवार को फैसला सुनाएगी। अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी हैं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।

बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की है। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।

तीनों हत्यारोपियों वनंत्रा रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।

अदालत परिसर के चारों ओर व्यापक सुरक्षा प्रबंध रहेंगे…

हत्यारोपियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून समेत कई जगहों पर लोग आंदोलित रहे। ऐसे में यह संभावना है कि फैसले को सुनने के लिए राज्य के साथ ही अन्य शहरों से भी लोग यहां पहुंच सकते हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी व्यवस्थाएं बनाने में जुटे हैं। कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के लिए पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई दौर की बैठक और मॉक ड्रिल की जाती रही। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह से ही अदालत परिसर छावनी में तब्दील हो जाएगा। वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था पर निगाह बनाए रखेंगे।

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