शहीद नंदन सिंह चम्याल का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ताबूत से लिपट पड़े परिजन, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा गांव, सीएम धामी ने शहीद के परिजनों से वार्ता कर दी सांत्वना


चम्पावत। जम्मू के पहलगाम में भारत.तिब्बत सीमा पुलिस की बस दुर्घटना में घायल हुए चम्पावत के सूबेदार मेजर नंदन सिंह का उपचार के बाद निधन हो गया था। जिनका पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव चम्पावत जिले के देवीधुरा क्षेत्र के पाखोटी गांव लाया गया। घर पहुंचते ही वीर सैनिक के पार्थिव शरीर पर उनकी मां कलावती, पत्नी निर्मला, बेटी प्रियंका, सीमा के साथ ही क्षेत्रवासी लिपटकर रो पड़े। पुत्र के शव को देख पिता लाल सिंह चम्याल की आंखे पथरा गईं।
वीर सैनिक को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से वर्चुवली (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के द्वारा वीर सैनिकों के परिजनों से वार्ता करते हुए अपनी सांत्वना दी। मुखमंत्री ने कहा कि देश हमेशा इस वीर सैनिक की शहादत को याद रखेगा, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने जीवन को न्योछावर किया। ’मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामि ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बधाते हुए कहा कि सरकार दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने परिवार को सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। दुख के इस गमगीन माहौल में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में नोडल अधिकारी/प्रभारी अधिकारी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय चम्पावत केदार सिंह बृजवाल, अध्यक्ष वन विकास निगम कैलाश गहतोड़ी के प्रतिनिधि राजू शर्मा, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारी पाटी मनीष बिष्ट, पुलिस की ओर से थानाध्यक्ष वीके बिष्ट ने वीर सपूत के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा वीर सैनिक के घर जाकर परिवारजनों से मिलकर सांत्वना दी।


वीर सैनिक की शव यात्रा वालिक से शुरू होकर देवीधुरा होते हुए उनके पखोटी गांव पहुंची। जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों द्वारा यात्रा में शामिल होकर पखोटी गांव के शमशान घाट में वीर सैनिक को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस दौरान रास्ते भर वीर नंदन सिंह अमर रहे के नारे भी लगते रहे। वीर सैनिक के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र चेतन चम्याल एवम प्रवीण चम्याल ने मुखाग्नि दी। आइटीबीपी 36वी वाहिनी की ओर से कंपनी कमांडर उत्तम राम के नेतृत्व में जवानों ने वीर सैनिक को अंतिम सलामी दी। वीर सैनिक की शव यात्रा पर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए जन प्रतिनिधियों, ग्रामीणों, गणमान्य नागरिकों के साथ ही लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, लक्ष्मी दत्त जोशी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, हरगोविंद सिंह बोहरा, जगदीश सिंह सिंगवाल, कीर्ति बल्लभ जोशी, बहादुर सिंह, खड़क सिंह बोहरा, गोधन सिंह, अमित लमगड़िया, जगदीश शर्मा, गोविंद बोहरा, भुवन चौबे, राजू बिष्ट, ईश्वर बिष्ट, गोकुल कोहली तारा चम्याल, देव सिंह, भगीरथ भट्ट आदि शामिल रहे।
