नवीनतमबनबसा

बनबसा : 1971 में हुए युद्ध के जांबाज पूर्णानंद कापड़ी नहीं रहे

ख़बर शेयर करें -

बनबसा। पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए युद्ध में दिलेरी दिखाने वाले पूर्णानंद कापड़ी नहीं रहे। पिछले कुछ समय से बीमार कापड़ी ने 80 साल की उम्र में बुधवार को अंतिम सांस ली। 25 अप्रैल को टनकपुर के शारदा घाट श्मशान घाट में सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। नेपाल सीमा से लगे बनबसा देशी फार्म निवासी पूर्व सैनिक कापड़ी गौरव सेनानी कल्याण समिति से जुड़े होने के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी बढ़चढ़ कर शिरकत करते थे। आर्मी मेडिकल कोर से सेवा पूरी करने के बाद वे कृषि कार्य और व्यवसाय से जुड़े थे। पूर्व सैनिक कापड़ी गौरव सेनानी कल्याण समिति के उपाध्यक्ष कैप्टन हरीश चंद्र कापड़ी के बड़े भाई थे। निधन पर गौरव सेनानी कल्याण समिति सदस्यों ने दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी। शोक जताने वालों में समिति अध्यक्ष कैप्टन भानी चंद, कैप्टन गोविंद बल्लभ भट्ट, कैप्टन अमर सिंह, कैप्टन परमानंद कापड़ी, भूपाल दत्त भट्ट, बीबी पांडेय, डीडी कापड़ी, पूर्व सैनिक व जिला पंचायत सदस्य पुष्कर दत्त कापड़ी आदि शामिल थे।

Ad