भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष बने भूपेंद्र सिंह चौधरी, पश्चिमी यूपी में बीजेपी की सफलता का मिला इनाम


भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 का एलान करते हुए यूपी भाजपा के अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। वर्तमान सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यह पद दिया गया है। 54 वर्षीय भूपेंद्र चौधरी 2016 में पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें पंचायती राज विभाग का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था। 2019 में मंत्रिमंडल फेरबदल में चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में चौधरी को पुनः कैबिनेट मंत्री बनाते हुए पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी दी गई। चौधरी हाल ही में पुनः विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं। चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने से लोकसभा चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन से संभावित नुकसान को कम किया जा सकेगा। वहीं, लगातार दूसरी बार पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पश्चिम से पूर्वांचल तक ओबीसी वोट बैंक में अच्छा संदेश जाएगा। पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट को जाट लैंड के रूप में भी जाना जाता है। भूपेंद्र चौधरी इसी जाट लैंड के रहने वाले हैं। भूपेंद्र चौधरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। उन्हें भगवा पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट मतदाताओं को साधना भी प्रमुख कारण है। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर किसान आंदोलन के कारण भाजपा से रूठे जाट मतदाताओं को मनाने का प्रयास किया गया है। भूपेंद्र चौधरी का जन्म 1968 में मुरादाबाद के महेंदरी सिकंदरपुर में हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी से लगभग 33 सालों से जुड़े हैं। उन्होंने राजनीति अपने छात्र जीवन से ही शुरू कर दी थी। चौधरी भूपेंद्र सिंह ने वर्ष 1999 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। पार्टी ने उन्हें संभल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वह चुनाव हार गए।

