बड़ी खबर : अटैचमेंट के तनाव में आकर बैंक प्रबंधक ने सोशल मीडिया में लिखी पोस्ट मुझे फांसी लगा दो, या मां बच्चों के साथ शारदा में समा जाऊं…?
बनबसा। बेवजह अटैचमेंट! फांसी लगा दो मुझे। या फिर मैं अपनी बूढ़ी मां और दो बच्चों के साथ शारदा नदी में समा जाऊं… ? बैंक से ऋण लेने वालों के वसूली के नोटिस काटने का ये सिला मिला… ? फेसबुक में ये पोस्ट डाली है पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक की बनबसा ब्रांच में कार्यरत रहीं शाखा प्रबंधक पुष्पा यादव ने। जिन्हें अब लोहाघाट अटैच कर दिया गया है।
इसे आप मार्मिक उद्गार भी कह सकते हैं, और सिस्टम पर तंज भी। मानसिक पीड़ा के दौर से गुजर रहीं जिला सहकारी बैंक बनबसा की प्रबंधक पुष्पा यादव ने अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। दरअसल, बैंक की बनबसा शाखा में लाखों के फर्जीवाड़े को उजागर करने वाली शाखा प्रबंधक पुष्पा को लोहाघाट संबद्ध करने के आदेश जारी किए गए हैं। यह अटैचमेंट ऐसे समय में किया गया है, जब गलत तरीके से लोनिंग के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने को है। वर्ष 2019 में कुछ लोगों ने फैडरेशन के नाम पर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की अनुमति लिए बगैर लाखों रुपये का कर्ज जिला सहकारी बैंक से ले लिया। लंबा समय बीतने के बाद भी लोन की रकम जमा नहीं हुई। इस पर बैंक ने संबंधित महिलाओं को नोटिस जारी किया। वहीं नोटिस मिलने से महिलाओं के पैरों तले जमीन खिसक गई। शिकायत करने पर शासन ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। ये जांच अब अंतिम चरण में है। इस बीच यहां तैनात शाखा प्रबंधक पुष्पा को लोहाघाट अटैच कर दिया गया है। अटैचमेंट के आदेश मिलने के बाद प्रबंधक ने बेहद भावुक अंदाज में फेसबुक में ये पोस्ट डाली वहीं प्रबंधक का आरोप है कि फर्जीवाड़े की जांच के बीच राजनीतिक और विभागीय दबाव बनाया जा रहा है। कार्रवाई से आहत पुष्पा का कहना है कि घर में बूढ़ी मां और दो बच्चों को छोड़कर वह कैसे लोहाघाट में काम कर पाएंगी। उनका यह भी कहना है कि जांच प्रभावित करने की नीयत से उनका अटैचमेंट किया गया है।
जिसके कार्यकाल की जांच चल रही उसी को किया संबद्ध
बनबसा जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक की ओर से जारी एक अन्य आदेश में उस शाखा प्रबंधक को दोबारा बनबसा शाखा में अटैच कर दिया गया है, जिनके कार्यकाल में जिला सहकारी बैंक बनबसा से लाखों रुपये का कर्ज फैडरेशन को दिया गया। ये शाखा प्रबंधक फिलहाल पिथौरागढ़ जिले की जाजरदेवल शाखा में कार्यरत हैं। इन्हें बीते दिन निलंबित करने के बाद बनबसा शाखा से संबद्ध किया गया है। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि जिसके कार्यकाल में दिए गए लोन मामले की जांच अंतिम चरण में है, उसे दोबारा से बनबसा शाखा में अटैच करने का मकसद क्या है ?
मेरी जानकारी में ये मामला आया है, लेकिन प्रकरण की पूरी जानकारी नहीं है। जीएम से अटैचमेंट की पूरी जानकारी ली जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शाखा प्रबंधक ने क्या लिखा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लिखित में अगर कोई पत्र आता है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। एमएस मर्तोलिया, उपनिबंधक कुमाऊ, सहकारिता विभाग।