टनकपुर-जौलजीबी रोड पर लधिया में नहीं बन पा रहा पुल, बढ़ रही समस्या और लागत
चम्पावत। नेपाल सीमा से लगी निर्माणाधीन टीजे (टनकपुर-जौलजीबी) सड़क पर चूका पुल का काम छह साल बाद भी लटका हुआ है। दिसंबर 2016 से अब तक पांच बार पुल की निविदा हो चुकी है। संशोधित बजट के अनुमोदन नहीं होने से पुल के अधर में फंसने से चूका से रूपालीगाड़ तक आवाजाही भी प्रभावित हो रही है।
132 किलोमीटर लंबे टीजे सड़क का निर्माण फिलहाल रूपालीगाड़ तक हो रहा है। प्रस्तावित पंचेश्वर बांध के डूब क्षेत्र की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से सड़क का काम अंतिम बिंदु जौलजीबी के बजाय टनकपुर से 56 किमी दूर रूपालीगाड़ तक हो रहा है। टनकपुर से ठुलीगाड़ तक 12 किमी सड़क पहले बन चुकी है। शेष दो पैकेज (ठुलीगाड़ से चूका 18.600 किमी और चूका-रूपालीगाड़ 24.400 किमी) का काम अंतिम चरण में है।
टनकपुर से 31 किमी दूर चूका से रूपालीगाड़ के बीच सड़क को जोड़ने के लिए चूका पर लधिया नदी पर मंजूर 690 मीटर पुल का काम लटका हुआ है। पांचवीं बार निविदा होने के बाद भी पुल का काम आगे नहीं बढ़ सका है। वर्ष 2016 की कीमतों पर काम नहीं होने के बाद अब कार्यदायी संस्था ने पुल की निर्माण लागत 29 करोड़ से बढ़ाकर 55.17 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है। इसके अनुमोदन के बाद ही पुल का काम शुरू हो सकेगा।
निर्माण लागत में संशोधन नहीं होने से परेशानी
चम्पावत। चूका पुल की दरें 2016 की हैं, लेकिन काम 2023 में होना है। दरों के इस अंतर की वजह से ही काम शुरू नहीं हो पा रहा है। चूका पुल का काम सबसे पहले 2017 में शुरू हुआ। जून 2019 तक ब्रिडकुल को पूरा करना था। शुरुआती काम होने के बाद हुआ विवाद अदालत तक पहुंचा। तीन साल पहले शासन ने पुल का काम ब्रिडकुल से वापस ले लिया। तबसे चार बार निविदा निकल चुकी है, लेकिन अनुमोदित बजट से अधिक राशि के चलते हर बार निविदा शासन से खारिज हो गई।
पुल नहीं बनने से हो रहा ये नुकसान :—
— चूका से रूपालीगाड़ के बीच 24 किलोमीटर सड़क का लाभ नहीं मिल सकेगा।
— नेपाल सीमा से लगे कई गांवों के लोगों का सड़क संयोजन नहीं हो सकेगा।
— चूका गांव से रूपालीगाड़ के बीच की एसएसबी की चार बार्डर आउटपोस्ट सड़क के फायदे से वंचित हो जाएगी।
चूका के पुल के लिए तीन महीने पहले हुई निविदा निर्धारित दर से अधिक आने के कारण अभी फाइनल नहीं हुई है। विभाग ने निविदा राशि बढ़ाकर 55.17 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। शासन से अनुमोदन होने के बाद ही पुल पुल का निर्माण शुरू हो सकेगा। आदर्श गोपाल, ईई, पीआईयू, टनकपुर