उप चुनाव : पांच का पचास करने के मूड में है चम्पावत की जनता, विजय बहुगुणा का रिकार्ड टूटना तय, कांग्रेस को जमानत बचाने के लाले
उत्तराखंड में सीएम के पांचवे उपचुनाव को लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह
दिनेश चंद्र पांडेय, चम्पावत। 31 मई को चम्पावत एक नया इतिहास लिखने जा रहा है। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब तक सीएम को लेकर हो रहे उपचुनाव में यहां के मतदाता धामी की जीत के लिए पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के रिकार्ड को तोड़ने के मूड में हैं। जिसको देखते हुए भाजपा जीत का अंतर पांच से पचास हजार करने का लक्ष्य साधने के लिए जुटी हुई है। परिस्थितियों को देखकर लग रहा है कि कांग्रेस के लिए जमानत बचाना ही जीतने जैसा होगा। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद सीएम के पांचवे उपचुनाव को लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह बना है।
मालूम हो कि फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की 47 सीटें आने के बाद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी खटीमा से चुनाव नहीं जीत पाए। बाबजूद इसके हाई कमान ने उन्हें दुबारा सीएम बना दिया। इसके लिए उन्हें विधायक बनना जरुरी था तो चम्पावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी के अनुरोध और क्षेत्रीय जनता की भावनाओं को भांपते हुए धामी ने चम्पावत से चुनाव लड़ने की सहमति दे दी और गहतोड़ी के इस्तीफा देने के बाद यह उपचुनाव हो रहा है। 31 मई को यहां के 151 बूथों में मतदान होना है। 96213 मतदाताओं वाली इस विधानसभा में चुनाव संपन्न कराने के लिए सभी पोलिंग पार्टियां बूथों पर पहुंच गई हैं।
इस चुनाव की सबसे खास बात यह है कि जहां भाजपा सीएम धामी के नामांकन के बाद पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में है। उनके प्रदेश, जिला और अनुसांगिक संगठन और मंत्रीमंडल के साथ ही तमाम विधायक और राष्ट्रीय संगठन दिन रात जुटा है। वहीं कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भाजपा का पट्टा पहना कर कांग्रेस की हालत और पतली कर दी है। जबकि कांग्रेस ने उपचुनाव को लेकर यहां मात्र औपचारिकता निभाई है। महिला नेत्री निर्मला गहतोड़ी को उम्मीदवार बनाकर शुरुआत में ही उसने जैसे वाक ओवर दे दिया। रही सही कसर प्रदेश संगठन ने पूरी कर दी। पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन महरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य यहां चुनाव प्रचार में महज रस्म अदायगी तक ही आए। जिससे बचे खुचे कांग्रेसियों का मनोबल भी टूट गया। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह साफ है कि कांग्रेस यदि जमानत भी बचा ले तो वह जीतने के ही बराबर होगा। फरवरी 2022 में हुए चुनाव में यहां भाजपा के कैलाश गहतोड़ी 32547 वोट लाकर जीते थे और कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 27243 वोट मिले थे।
जयचंदों की खुलेगी खाता बही
चम्पावत। फरवरी 2022 के चुनाव में भाजपा के अंदर जयचंदों की जमात होने से ही सीएम धामी को खटीमा में हार झेलनी पड़ी, लेकिन चम्पावत सीट पर कैलाश गहतोड़ी का व्यवहार व चुनाव मैंनेजमेंट जयचंदों के मंसूबों पर पानी फेरने में कामयाब रहा और वह पांच हजार से जीत गए। इसकी जानकारी राष्ट्रीय संगठन और नेतृत्व को भी है और यह तय है कि उपचुनाव के बाद जयचंदों की खाता बही फिर खुल सकती है।
70 फीसदी मतदान का अनुमान
चम्पावत। इस उपचुनाव की सबसे खास बात यह है कि अभी आम जनता विकास के नाम पर धामी को एकतरफा जीत देने के मूड में है। चुनाव के जानकार मानते हैं कि मौसम ठीक रहा तो यहां 70 फीसदी से भी ज्यादा वोट पड़ सकते है। वर्तमान में यहां 96213 मतदाता हैं। इस हिसाब से 67 हजार वोटिंग की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सीएम के पक्ष में वोटों की बरसात हो सकती है।
एनडी, खंडूरी, बहुगुणा व रावत लड़ चुके हैं उपचुनाव
चम्पावत। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब तक पांच नेता सीएम के लिए उपचुनाव लड़ चुके हैं। सीएम के उप चुनाव का यह पांचवां मौका है। 2002 में कांग्रेस के एनडी तिवारी रामनगर से 23 हजार वोटों से जीते थे। वर्ष 2007 में धूमाकोट से भाजपा के मेजर जनरल भूवन चंद्र खंडूरी ने 14 हजार से 2012 में कांग्रेस के विजय बहुगुणा ने सितारगंज से 40 हजार और 2014 में कांग्रेस के हरीश रावत ने धारचूला से 20 हजार से जीत दर्ज की थी। अब 2022 के उपचुनाव में भाजपा के पुष्कर धामी चम्पावत से चुनावी मैदान में हैं। माना जा रहा है कि वे सारे रिकार्ड ध्वस्त कर सकते हैं।