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सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर बेचने पर केंद्र ने लिया एक्शन, पांच कंपनियों को जारी किया ऑर्डर

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देश में सड़क हादसों को कम करने के मकसद से केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें खुले बाजार में मिल रही हैं, जिससे हादसे ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि सरकार ने इसी क्रम में क्या बड़ा कदम उठाया है।

केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन अथारिटी की ओर से सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर को बेचने के मामले में कार्रवाई करते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑर्डर जारी किया गया है। ऐसी क्लिप के कारण सड़क हादसा होने पर ज्यादा गंभीर चोट लगने का खतरा होता है।
सीसीपीए की चीफ कमिश्नर निधि खरे की ओर से पांच मुख्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ ऑर्डर जारी किया गया है। इन कंपनियों में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, शॉपक्लूज और मीशो शामिल हैं। इन्हें वॉयलेशन ऑफ कन्ज्यूमर राइट्स और अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के लिए ऑर्डर जारी किया गया है। सीसीपीए को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था। जिसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि ऑनलाइन प्लेफॉर्म पर ऐसे सामान की बिक्री हो रही है जिससे कार में सीट बेल्ट ना लगाने पर भी अलार्म बंद हो जाता है। पत्र में ऐसे प्लेटफॉर्म और वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई थी।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के रूल नंबर 138 के मुताबिक चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। लेकिन ऑनलाइन मिलने वाली ऐसी चीजों के कारण यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलने वाली क्लिप के कारण सुरक्षा से समझौता होता है। कोई भी व्यक्ति ऐसी क्लिप को आसानी से कम दाम में खरीद लेता है। जिसके बाद कार चलाते समय या कार में बैठने पर ऐसी क्लिप को सीट बेल्ट की जगह लगा दिया जाता है। जिसके बाद कार में सीट बेल्ट नहीं लगाने के बाद बजने वाला अलार्म बंद हो जाता है और ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता है तो सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण ज्यादा नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है।