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केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की विभिन्न योजनाओं के लिए स्वीकृत की धनराशि, सीएम ने जताया आभार

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केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखंड के लिए 118.91 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके भुगतान के आदेश जारी होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांगों की सहायता के लिए धनराशि दी जाती है।

उत्तराखंड को केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) योजना के ‘सेतुबंधन‘ के तहत 193.92 करोड़ की लागत के 6 RoBs कार्यों की स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह निर्माण कार्य प्रदेश के विकास को एक नई गति प्रदान करेंगे।

मत्स्य संपदा योजना में भी मिली स्वीकृति
केन्द्र सरकार ने उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क (Integrated Aqua Park) की स्थापना की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्वीकृति दी है। कुल 44 करोड़ 50 लाख लागत की इस केन्द्र सहायतित योजना में केंद्र का अंशदान 40 करोड़ 05 लाख रुपए रहेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की परियोजना मूल्यांकन समिति (Project Appraisal Committee) द्वारा उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना की संस्तुति दी गईं थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि इससे मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों व मत्स्यपालकों की आय में वृद्धि होगी। एक्वा पार्क, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा लायी गयी एक अनूठी और अभिनव अवधारणा है, जहां विभिन्न मात्स्यिकी गतिविधियों को एक ही स्थान पर किया जाता है। ये मत्स्य पालको और सम्बन्धित हितधारको के लिए बहुत बढ़िया मंच प्रदान करने का कार्य करेगा। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत एक राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क की स्थापना जनपद उधमसिंहनगर में की जा रही है।

एक्वापार्क के अन्तर्गत विभिन्न मात्स्यिकी विकास की गतिविधियों को जोड़ा जायेगा, जिसमें 01-01 पंगेशियस एवं तिलैपिया हैचरी, बायोफ्लॉक यूनिट रीसर्कुलेशन यूनिट (आर०ए०एस०), ऑरनामेंटल फिशरीज हैचरी एवं रियरिंग यूनिट प्रसंस्करण यूनिट, प्रशिक्षण केन्द्र, इन्क्युबेशन सेन्टर, क्वांरटीन यूनिट आदि कार्य किये जायेंगे। उक्त स्थापित किये जाने वाले एक्वापार्क से एक वर्ष में उत्तम गुणवत्तायुक्त 1.8 करोड मत्स्य बीज का उत्पादन 250 मेट्रिक टन मछलियों का उत्पादन 2800 टन मछलियों का प्रसंस्करण आदि कार्य किये जायेंगे। एक्वापार्क की स्थापना होने पर प्रारम्भिक वर्ष में 5815 व्यक्ति/ मत्स्य पालक जबकि योजना के दसवे वर्ष से प्रति वर्ष 10445 व्यक्तियों को लाभ मिलेगा।

पॉलीहाउस की स्थापना को 280 करोड़
नाबार्ड की RIDF योजनान्तर्गत 18 हजार कलस्टर आधारित पॉलीहाउस स्थापना हेतु 280 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति। विजन 2025 के तहत औद्यानिक फसलों का लक्ष्य दोगुना किया जाना है। इस क्रम में उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत सब्जियों एवं फूलों की संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार कलस्टर आधारित पॉलीहाउस स्थापना का प्रस्ताव पर नाबार्ड की RIDF योजना के अन्तर्गत 280 करोड़ की स्वीकृति मिली है। जिसमें से 80 प्रतिशत नाबार्ड का अंश अनुदान के रूप में कृषकों को देय है, शेष 20 प्रतिशत कृषक अंश होगा। इसके तहत विभिन्न कार्य किये जाने हैं। 18 हजार पॉलीहाउस में से 12 हजार पॉलीहाउस में वर्तमान में उत्पादित 6.57 लाख मैट्रिक टन से बढ़कर लगभग 7.50 लाख मैट्रिक टन सब्जी उत्पादन होगा। जिसमें लगभग 15 प्रतिशत की प्रतिवर्ष वृद्धि होगी। 18 हजार पॉलीहाउस में से 6 हजार पॉलीहाउस में पुष्पों का उत्पादन कर वर्तमान में उत्पादित 30.22 करोड़ कटफ्लावर से बढ़कर लगभग 37 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन होगा, जिसमें पुष्पों के उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की प्रतिवर्ष वृद्धि होगी।
राज्य में उत्पादित सब्जियों एवं पुष्पों की बिक्री हेतु स्थानीय मण्डियों के साथ साथ दिल्ली, चण्डीगढ़, लखनऊ की मण्डियों में भी ताजे एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद समय से पहुंचने के कारण उचित मूल्य प्राप्त होगा। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जी एवं पुष्पों की खेती से कृषकों की आय प्राप्त होने से सामाजिक एवं आर्थिक वृद्धि से पलायन में कमी आएगी। राज्य में सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि होने से सब्जियों एवं पुष्पों के आयात में कमी होगी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के अन्तर्गत स्थापित होने वाली 1791 इकाइयों को राज्य से ही कच्चे माल की आपूर्ति संभव होगी। इन 18 हजार पॉलीहाउस के अन्तर्गत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 01 लाख लोगों को स्वरोजगार प्राप्त होगा।