चमोली माणा एवलॉन्च रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी, 4 मजदूरों की तलाश तेज, स्निफर डॉग्स की ली जाएगी मदद

चमोली/उत्तराखंड। भारत के अंतिम गांव माणा में बीते दिन एवलॉन्च ने भीषण तबाही मचाई है। इस एवलॉन्च में 55 मजदूर फंस गए, जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है। राहत बचाव कार्य के दूसरे दिन 50 मजदूरों को निकाला गया, जिसमें से 23 का उपचार किया जा रहा है। रेस्क्यू किए 50 मजदूरों में से 4 की मौत हो चुकी है। जबकि तीसरे दिन ग्लेशियर मलबे में दबे 4 मजदूरों की तलाश की जाएगी, क्योंकि एक मजदूर बिना बताए घर चला गया था। जिसके घर पहुंचने की पुष्टि उसके परिजनों ने की है।

गौर हो कि बीते दिन पांच मजदूरों को खोजने के लिए रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन पता चला कि एक हिमाचल का मजदूर बिना बताए घर चला गया था। सुनील कुमार हिमाचल कांगड़ा का रहने वाला है, जिसके परिवार ने संपर्क करने पर उसके घर पहुंचने की पुष्टि की है। जिसके बाद आज 4 मजदूरों के लिए रेस्क्यू चलाया जाएगा। बीते दिन सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्र माणा पहुंचकर हालातों का जायजा लिया था। साथ ही उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी राहत-बचाव कार्य पर नजर बनाए हुए हैं. बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली।
लापता चार कर्मचारियों की तलाश और बचाव अभियान में तैनाती के लिए भारतीय वायुसेना युद्ध स्तर से जुटी है। रेस्क्यू के लिए ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को हवाई मार्ग से भेजा जाएगा। साथ ही सेना की जीपीआर रडार, ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार मंगवाए गए हैं और कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डॉग्स की भी मदद ली जाएगी। आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन प्रभावित इलाके में रेस्क्यू अभियान में जुटे हैं। हिमस्खलन के बाद मार्ग बाधित होने के बाद रेस्क्यू के लिए हेली की मदद ली जा रही है। 6 हेलीकॉप्टरों को रेस्क्यू में लगाया गया है। जिसमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेली और भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल है।
