चंपावत

चम्पावत : डीएम ने अमित कुमार व अपर्णा पनेरू को सम्मानित किया

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चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में परंपरागत कला और ग्रामीण आजीविका को नई दिशा देने के लिए हो रहे प्रयासों की कड़ी में जिलाधिकारी मनीष कुमार ने सोमवार को जिला सभागार में लोहाघाट निवासी अमित कुमार को पारंपरिक लौह शिल्प के संरक्षण और उसे नई पहचान दिलाने में किए गए योगदान के लिए सम्मानित किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि अमित कुमार ने अपने प्रयासों से न केवल परंपरागत लौह शिल्प को पुनर्जीवित किया है, बल्कि इसे आधुनिक बाजार तक पहुंचाकर स्थानीय कारीगरों के लिए आजीविका और आत्मनिर्भरता के नए द्वार भी खोले हैं। ग्रोथ सेन्टर के माध्यम से वे कारीगरों को संगठित कर उनकी कला को देशभर में पहचान दिला रहे हैं। डीएम ने अमित कुमार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास ग्रामीण उद्योगों और पारंपरिक कला के संरक्षण के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी अमित कुमार के नेतृत्व में लोहाघाट का लौह शिल्प नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा और जिले का नाम रोशन करेगा। अमित कुमार के संचालन में चल रहा ग्रोथ सेन्टर NRLM (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) से जुड़ा हुआ है, जहाँ कई शिल्पकार आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रोथ सेन्टर में तैयार होने वाले लौह उत्पादों की मांग देशभर में है और इन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेज़न के माध्यम से पूरे भारत में आपूर्ति की जा रही है। ग्रोथ सेन्टर न केवल पारंपरिक शिल्प को संरक्षित कर रहा है, बल्कि इससे जुड़कर कारीगरों को स्थायी आजीविका और रोजगार भी मिल रहा है।

चम्पावत की अपर्णा कार्यशालाओं के जरिए महिलाओं को बना रहीं सशक्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन की दिशा में हो रहे प्रयासों के अंतर्गत चम्पावत जिले के सेलाखोला, नागनाथ वार्ड निवासी अपर्णा पनेरू को पारंपरिक ऐंपण कला को नई पहचान दिलाने और महिलाओं–बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार ने जिला सभागार में सोमवार को सम्मानित किया।
अपर्णा पारंपरिक ऐंपण कला को आधुनिक कला के साथ जोड़कर नई पहचान दिला रही हैं और महिलाओं व बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं। चम्पावत और अल्मोड़ा के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यशालाओं में अपर्णा ने छात्राओं और महिलाओं को ऐंपण व आधुनिक कला का प्रशिक्षण दिया है। इन कार्यशालाओं से प्रेरित होकर कई महिलाएं और छात्राएं अब इस दिशा में कार्य कर रही हैं। अपर्णा प्रदर्शनी और प्रशिक्षणों के माध्यम से वे ग्रामीण समाज, विशेषकर महिलाओं और बेटियों को आजीविका एवं स्वावलंबन के नए अवसर उपलब्ध करा रही हैं। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि अपर्णा पनेरू जैसी युवा प्रतिभाएं न केवल पारंपरिक कला को नई पहचान दे रही हैं, बल्कि समाज की महिलाओं और बेटियों को आत्मनिर्भर बनने की राह भी दिखा रही हैं।