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चम्पावत : आदर्श चम्पावत को लेकर सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई बड़ी बैठक, हुआ गइन मंथन, चम्पावत जिला मॉडल जिला बने इसके लिए सभी संस्थान मिलकर कार्य करें : सीएम धामी

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चम्पावत। वर्ष 2025 तक आदर्श उत्तराखंड और आदर्श चम्पावत बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय चम्पावत के सभागार अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जिले के अफसरों के साथ ही आदर्श चम्पावत को लेकर बनाई गई नोडल एजेंसी ‘उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी संस्थान’ विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संस्थान, एजेंसियों व रेखीय विभागों के अधिकारियों व वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया।

चम्पावत कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने स्थानीय उत्पाद ब्लैक टी व शहद भेंट किया।


बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया गया है। इसी परिकल्पना को पूर्ण करने एवं सभी हिमालयी राज्यों के समक्ष उत्तराखण्ड को एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखण्ड@25 के अन्तर्गत आदर्श चम्पावत की रूपरेखा तय करने एवं भविष्य की कार्ययोजना बनाने के लिए आज जो सभी लोग यहां पर एकत्रित हुए हैं, निश्चित तौर पर हम सभी मिलकर जनपद चम्पावत को एक मॉडल जिला बनाने में सफल होंगे। सीएम ने कहा कि जो कार्यक्रम यहां शुरू किया गया है वह लक्ष्य तक पंहुचे हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर और आदर्श उत्तराखंड का निर्माण तभी संभव है, जब राज्य का हर जनपद हर गांव आदर्श होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के विकास का हमारा सपना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस दौर में शोध, अनुसंधान और नवाचार के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद इस अति महत्वपूर्ण कार्य में नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जब भी कोई नीति बनायें, उसमें पूरे समाज और हर विभाग के हर वर्ग के विचारों और आवश्यकताओं का समावेश हो, क्योंकि हमें अपने में परिपूर्ण, उत्तम मॉडल विकसित करना है। जिसे अन्य हिमालयी राज्य भी भविष्य में अंगीकार करें और खुशी खुशी अपनाएं। यहां विकसित विकास मॉडल उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों का भी प्रतिनिधित्व करेगा और इसे राज्य के अन्य जिलों में भी दोहराया जायेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विभिन्न संस्थानों के विषय विशेषज्ञों के द्वारा विज्ञान और तकनीक की मदद से क्षेत्र विशेष की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं विकसित की जाएं तभी हम विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। चम्पावत जनपद में किसानों के द्वारा मुख्य रूप से दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, औषधीय एवं सुगंधीत पौधो की खेती फल उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मधु उत्पादन एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य करके अपनी आजीविका अर्जित कर रहे है इसे आगे बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि चम्पावत जिला नदियों, वनों धार्मिक स्थलों व प्राकृतिक रूप से आच्छादित है यहां जो अनेक संभावनाएं हैं, उसे सजोते हुए एक मॉडल के रूप में उन्हें विकसित किया जाय। ईश्वर की इच्छा है कि जिस प्रकार पूर्व में यह राजधानी रही है उसी प्रकार विकास के क्षेत्र में यह जिला मॉडल जिला बने इस हेतु सभी संस्थान मिलकर कार्य करें। जिले के माँ पूर्णागिरि धाम में लाखों दर्शनार्थी/धार्मिक पर्यटक आते हैं उन्हें 4 या 5 दिन तक जिले के अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक लाने हेतु जिलाधिकारी चम्पावत द्वारा जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उस पर कार्य किया जाय।
उन्होंने कहा कि जनपद में लोगों की आजीविका बढ़ाए जाने हेतु दुग्ध उत्पादन कृषि बागवानी, सुगन्धित पौधों और फूलों की खेती, स्थानीय मसालों की खेती और विपणन / मार्केटिंग, होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों का कौशल विकास प्रशिक्षण, पारम्परिक विरासत का संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में इनका सदुपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सांस्कृतिक विरासत मानचित्रण, टेली मेडिसिन, टेली एजुकेशन टेली कम्युनिकेशन पर तकनीकी सहायता तथा प्रशिक्षण आदि पर विशिष्ट कार्ययोजनएं तैयार की जा सकती हैं। हर क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनायें हैं, जैसे मछली पालन के लिए विकसित तकनीक स्थापित करना, फिश एंगलिंग के जरिये पर्यटन के क्षेत्र में जनपद को वैश्विक मानचित्र पर पहचान दिलाना, मत्स्य विकास योजना और पशुपालन के क्षेत्र में पशुधन, बकरी और मुर्गी पालन में और अधिक कार्य किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चम्पावत को बधाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा चम्पावत जिले के विकास हेतु निरंतर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जा रहे हैं, जिनमें तेजी से स्वीकृति प्रदान कर धनराशि भी आवंटित हो रही है। इसी प्रकार यूकॉस्ट के द्वारा भी अनेक कार्य कराए जा रहे हैं, जिसमें लैब ऑन व्हीलस के अन्तर्गत चम्पावत जिले में मोबाइल वैन का प्रदर्शन किया जा रहा है। लैब ऑन व्हीलस के प्रोग्राम के अंतर्गत विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के माध्यमः से रूबरू कराया जा रहा है। इस मोबाइल वैन के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा होगी, साथ ही जनपद शिक्षा में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग व एजेंसियां एक दूसरे के साथ अपनी योजनाएं साझा करें और आपसी समन्वय के जरिये उन्हें क्रियान्वित करें। साथ ही आदर्श चम्पावत हेतु भविष्य के लिए कार्ययोजना तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 3 मांह में आदर्श चम्पावत को लेकर आयोजित बैठक में वह स्वयं प्रतिभाग करेंगे तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक माह इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्थान एवं विभागों के द्वारा आदर्श चम्पावत हेतु जो भी कार्ययोजना बनायी गयी है, उसे समय पर धरातल पर लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जंगली जानवरों से खेती को नुकसान किए जाने की सबसे अधिक समस्या आ रही है इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु जनपद चम्पावत से ही एक मॉडल तैयार किया जाय जिसे अन्य जिले भी अपनाएं।
बैठक में सांसद अजय टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर चम्पावत जनपद को आदर्श जनपद बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जिले की यह परिकल्पना की गई है आने वाले समय में चम्पावत जनपद ही नहीं उत्तराखंड राज्य एक श्रेष्ठ राज्य बनेगा। इस अवसर पर हेस्को संस्था से आए पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि चम्पावत जिले को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने का निर्णय जो आप द्वारा लिया गया है यह हिमालय के संरक्षण के लिए एक बेहतर सोच हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी आर्थिकी हेतु अपने संसाधनों पर निर्भर रहते हैं। जल, जंगल और जमीन से हमारी आर्थिकी होती है। इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा जो सराहनीय कार्य किया जा रहा है इसे आगे बढ़ाए जाने हेतु हम सभी का अपना एक दायित्व है इसे हमें व्यक्तिगत तौर पर लेना सभी की जिम्मेदारी है।
जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने आदर्श चम्पावत को लेकर जिले में किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि जिले में वर्तमान में अनेक विकास कार्य किए जा रहे हैं। पर्यटन विकास के क्षेत्र में जहां एक और मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है, वहीं पर्यटन स्थलों को विकसित, सुगम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ट्रैकिंग मार्गो का निर्माण सहित यहां के पुरातत्व एवं पुरानी शैली में निर्मित भवनों के संरक्षण के अतिरिक्त 100 पौराणिक नौलों का जीर्णोद्धार जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं, स्वरोजगार की अनेक योजनाएं जिले में संचालित हैं। इसी के तहत मनरेगा से 300 मत्स्य तालाब बनाए जा रहे हैं तथा अनेक विकास के प्रस्ताव जनपद से तैयार कर शासन को भी भेजे गए हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि हम चम्पावत जिले को एक आदर्श जिले के रूप में विकसित करें। बैठक में महानिदेशक उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी दुर्गेश पंत ने उनके संस्थान द्वारा आदर्श जनपद हेतु किए जा रहे कार्यों, प्रस्तावित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले के विकास हेतु इसरो द्वारा डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इस हेतु मुख्यमंत्री द्वारा इसरो से आए हुए वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, विभागों से आए वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भी चंपावत जनपद को आदर्श चम्पावत बनाए जाने हेतु अपने-अपने विचार रखें एवं सुझाव दिए
बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, प्रतिनिधि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय (पीएसए) भारत सरकार संदीप पाटिल, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, इसरो के वैज्ञानिक हरीश कर्नाटक, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के पंकज, निदेशक सेवायोजन हरबीर सिंह, भारतीय वन्य जीव संस्थान के पूर्व निदेशक गोपाल रावत विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानाें आईआईपी, आईआईआरएस, मृदा एवं जल संरक्षण, सीएसआईआर, सीमैप से आये हुये विशेषज्ञ/ अधिकारी/
एवं उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न रेखीय विभागों से आये वैज्ञानिक/अधिकारी उपस्थित रहे।

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