चंपावत

चम्पावत : पशुओं को छोड़ने वाले पशुपालक होंगे चिन्हित और कटेगा चालान, डीएम ने अफसरों को दिए निर्देश

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चम्पावत। पशुक्रूरता निवारण समिति की बैठक जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में जिला सभागार में संपन्न हुई। जिसमें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीएस भंडारी ने बताया कि निराश्रित पशुओं के समाधान को वर्तमान में कामधेनु अभियान के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। जनपद में 03 गौशालाओं में 463 पशु हैं। मां कामधेनु वात्सल्य सेवा धाम ट्रस्ट लोहाघाट गौशाला में वर्तमान में 185 गोवंशीय पशुओं के भरण पोषण की व्यवस्था की जा रही है। बनबसा एवं टनकपुर में 200 से 250, चम्पावत में 20 से 30 तथा लोहाघाट में 20 से 22 लावारिश गो वंशीय पशु हैं।

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बैठक में जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग, सभी अधिशासी अधिकारी नगरपालिका, नगर पंचायत को संयुक्त टीम बनाकर आवारा पशुओं की संख्या का आंकलन करने के निर्देश दिए। कामधेनु वात्सल्य गौशाला संचालक शंकर दत्त पाण्डेय ने बताया कि पशुपालकों द्वारा नर बछड़े को छोड़ दिया जाता है। जिस पर जिलाधिकारी ने संयुक्त टीम को ऐसे पशुपालकों को चिन्हित करने जो अपने पशुओं को छोड़ रहे हैं, को चिन्हित कर चालान की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को राजस्व की भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए जिसमें गौशाला के निर्माण प्रस्तावित किया जा सके। बैठक में सीओ चम्पावत विपिन चंद्र पंत, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंदन प्रसाद, पशु चिकित्सा अधिकारी लोहाघाट डॉ. डीके चंद डॉ.टीपी यादव, डॉ. दीपक कुमार, डॉ.वैशाली शाह, डॉ.अमित कुमार आदि मौजूद रहे।

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