चम्पावत : तीन किमी पैदल चढ़ाई चढ़ कर डोली से सड़क तक पहुंचाया जा सका शिक्षक का शव
कोटकेंद्री राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कुंदन सिंह बोहरा की तबीयत बिगड़ने से हुई मौत, पूर्णागिरि धाम क्षेत्र के नजदीक का गांव कोटकेंद्री आज भी सड़क सुविधा से है वंचित
चम्पावत। आदर्श जिले चम्पावत के एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक की रात में अचानक तबियड़ बिगड़ी और कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। दूरस्थ क्षेत्र के गांव में रह कर नौकरी कर रहे शिक्षक के शव को सड़क तक पहुंचाने में ग्रामीणों व परिचितों को तीन किमी पैदल चलने को विवश होना पड़ा। इसमें दो घंटे का समय लगा। इस वाक्ये ने आज भी सड़क विहीन गांवों में रह रहे लोगों की पीड़ा को एक फिर उजागर किया है।
पूर्णागिरि के पुजारी पंडित राजू तिवारी के मुताबिक पूर्णागिरि धाम क्षेत्र के पास के कोटकेंद्री राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कुंदन सिंह बोहरा की 18 अगस्त की रात एकाएक तबीयत बिगड़ी। मूल रूप से हल्द्वानी के निवासी बोहरा कोटकेंद्री गांव में ही पत्नी के साथ रह कर शिक्षण कार्य करते थे। बताते हैं कि कल 18 अगस्त की रात उन्हें बैचेनी हुई। गांव से सड़क तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। 3 किलोमीटर की सीधी पैदल चढ़ाई के बाद पोथ, श्यामलाताल होते हुए 36 किमी दूर टनकपुर या 6 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर चूका और फिर ठुलीगाड़ होते हुए 37 किमी दूर टनकपुर पहुंचा जा सकता है। परिस्थितियों को देखते हुए गांव के लोग शिक्षक के शव को पोथ तक कंधे में और फिर जीप से टनकपुर होते हुए हल्द्वानी ले गए। साथी शिक्षक नरेश पांडेय, गोविंद सिंह, मदन सिंह, पूरन राम, माधो सिंह, चंदन सिंह आदि ने कुर्सी को बांधकर लाश को रोड तक पहुंचाने के लिए डोली बनाई। पोथ से टनकपुर होते हुए शव को जीप से हल्द्वानी पहुंचाया गया।
ये हालात क्षेत्र की असुविधाओं की व्यथा को बताते हैं। साथ ही पलायन रोकने के लिए उठाए जा रहे सुनहरे दावों के बीच कारूणिक तस्वीर पेश करते हैं। कोटकेंद्री गांव में सुविधाओं का सूखा है। पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी, नेत्र बल्लभ तिवारी, राजू तिवारी आदि का कहना है कि गांव में ना रोड है, नहीं कोई स्वास्थ्य की सुविधा। ऐसे में पलायन ना हो, तो क्यों ना हो? जाहिर है इस गांव का सच भी असुविधा और पलायन ही है।
लोक निर्माण विभाग के चम्पावत के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलड़िया ने बताया कि कोटकेंद्री को रोड से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत सड़क बनाई जानी है। इसके लिए 18 किमी लंबी पोथ से कोटकेंद्री होते हुए सेलागाड़ तक सड़क प्रस्तावित है। सड़क का सर्वे किया जा चुका है।
