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चम्पावत : जिलाधिकारी नवनीत पांडेय ने की जिला योजना के अंतर्गत प्राप्त धनराशि के सापेक्ष किए जा रहे कार्यों की समीक्षा, जानें किस विभाग को कितना मिला और कितना खर्च किया है…

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चम्पावत। बुधवार को जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी नवनीत पांडेय ने जिला योजना के अंतर्गत प्राप्त धनराशि के सापेक्ष विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा महज धनराशि खर्च करना उद्देश्य न रहकर विभाग यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत धनराशि का लाभ स्थानीय लोगों को मिले। इसलिए सभी विभाग आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्य पूर्ण करें। बैठक में जिला अर्थ संख्या अधिकारी दीप्त कीर्ति तिवारी ने अवगत कराया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला योजना अंतर्गत 5401.87 लाख परिव्यय के सापेक्ष 1800.62 लाख धनराशि शासन से अमुक्त की गई हैं। जिसके सापेक्ष वर्तमान तक 50 फीसदी धनराशि व्यय कर ली गई है।

बैठक में कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी ने अवगत कराया कि प्रस्तावित 127 लाख के सापेक्ष 41.42 धनराशि की प्रथम किस्त में प्राप्त हुई है। जिसमें से 66% प्रतिशत धनराशि व्यय की गई है। जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में किसानों की आय को दोगुना किए जाने हेतु उन्हें उन्नतशील कृषि बीज, तकनीकी प्रशिक्षण, कृषि यंत्र उपलब्ध करने के साथ ही सफलतम क्षेत्र व संस्थाओं में किसानों को भ्रमण करते हुए उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकी की जानकारी भी उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी विभिन्न कृषि क्षेत्र अंतर्गत जनपद व प्रदेश से बाहर भ्रमण कराएं, ताकि वह जिले में और अधिक अभिनव कार्य कर सकें। जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध, भेषज, जड़ी बूटी, रेशम विभागों को जिले में विभिन्न क्षेत्र जहां जो संभावनाएं हैं, वहां की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार संगठित रूप में कार्य कर किसानों को रोजगार से जोड़े जाने के क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि चम्पावत जिले को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने हेतु कृषि, औद्यानिक व पशुपालन आदि के क्षेत्र में अभिनव प्रयास किए जाएं।

समीक्षा के दौरान जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे ने अवगत कराया की विभाग को जिला योजना में 345.77 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई जिसमें से वर्तमान तक 110.00 लाख की धनराशि प्राप्त हुई हैं जिसमें से विभाग द्वारा 50 प्रतिशत की धनराशि व्यय की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी को काश्तकारों को आलू के बीज ससमय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की जिसके लिए अभी से डिमांड कर ली जाएं, ताकि बाद में किसानों को बीजों की कमी न पड़े। काश्तकारों को औद्यानिक बीज व बेहतर गुणवत्ता वाले बीज ही उपलब्ध कराएं। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद में केसर का उत्पादन विकासखंड लोहाघाट अंतर्गत खेतीखान में हो रहा है। जिलाधिकारी ने फल पट्टी विकसित करने, मौन पालन बढ़ाये जाने, मशरूम उत्पादन व पुष्प उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही कीवि को भी जिले में बढ़ाये जाने हेतु कार्य करने के निर्देश जिला उद्यान अधिकारी को दिए। उद्यान अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जिला योजना से जिले में लगभग 1066 पोलीहाउस बनाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिले में काश्तकारों के उत्पादन के ढुलान हेतु जिन-जिन स्थानों में रज्जू मार्ग बने हैं तथा वह खराब है उनकी मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किये जायें जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।

भेषज विभाग की समीक्षा के दौरान जिला भेषज इकाई समन्वयक ने अवगत कराया कि विभाग को 25 लाख के सापेक्ष 8 लाख की प्रप्ति हुई हैं। जिसे शत प्रतिशत व्यय किया जा चुका हैं। *जिलाधिकारी ने जिला भेषज समन्वयक को जनपद में बड़ी इलायची तथा तेजपात के क्षेत्र को बढ़ाने हेतु क्लस्टर पर कार्य करने व जिले में जड़ी बूटी उत्पादन को भी बढ़ाये जाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा की किसानों की खेती-बाड़ी से आय को बढ़ाये जाने हेतु अभिनव कार्य करें। रेशम विभाग के अधिकारी ने अवगत कराया कि विभाग को 8.50 परिव्यय के सापेक्ष 2.80 लाख की धनराशि प्राप्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि जनपद के 137 स्थानों में शहतूत के पौधें रोपे गए हैं।डीएम ने रेशम विभाग को जिले के विभिन्न संभावित क्षेत्रों में शहतूत की नर्सरी तैयार करने हेतु भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। पशुपालन की समीक्षा के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया कि विभाग को 179 लाख अनुमोदित में से 58.50 लाख की धनराशि प्राप्त हुई हुई जिसमें 51% की धनराशि व्यय हो गई है। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पशु चिकित्सा संबंधित सेवाओं में आवश्यकता अनुसार दवा का स्टॉक रखें जाने, जिले में पशुपालन से दुग्ध उत्पादन को बढ़ाये जाने, जिले में गोट वैली सिप्टी को विकसित किया जाए।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि सिप्टी में गोट वैली विकसित करने हेतु 100 पशुपालकों का चयन कर पंजीकरण की कार्यवाही की जा रही है। दुग्ध विकास प्रबंधक ने अवगत कराया कि दुग्ध विभाग को 98.10 लाख परिव्यय के सापेक्ष 78.32 लाख धनराशि प्राप्त हुई है। जिसका शत प्रतिशत व्यय किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 209 दुग्ध समितियां हैं। साथ ही लगभग 16 हजार लीटर दूध प्रतिदिन एकत्रित हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि पशुपालकों को बेहतर नस्ल के दुधारू पशु देकर जिले में दुग्ध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाया जाए। मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मत्स्य निरीक्षक ने बताया कि विभाग को 125.42 लाख परिव्यय के सापेक्ष 41 लाख धनराशि प्राप्त हुई है। जिसमें से 46.20 प्रतिशत धनराशि का व्यय किया जा चुका है। उन्होंने बताया जिले में कुल 439 मत्स्य तालाब हैं। विभाग द्वारा प्राप्त धनराशि से जलाशयों का विकास, मत्स्य उत्पादकता की वृद्धि, नई हेचरियों की स्थापना की जाती हैं। जिलाधिकारी ने जिले में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाये जाने हेतु कार्य करने के निर्देश मत्स्य निरीक्षक को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यान विभाग, कृषि, पशुपालन, दुग्ध विकास, भेषज एवं जड़ी बूटी विभाग, मत्स्य तथा रेशम विभाग 15 दिन के भीतर यह सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ एक कार्य योजना तैयार कर जिन-जिन क्षेत्रों में जिसकी उत्पादन की संभावनाएं अधिक है उसे संबंध में प्रस्ताव तैयार करेंगे ताकि क्लस्टर पर कार्य किया जा सके।

जिले में कृषि ओद्यानिकी क्षेत्र में सिंचाई सुविधा को बढ़ाए जाने हेतु सिंचाई,लघु सिंचाई व नलकूप विभाग सिंचाई योजना तैयार कर जिले में सिंचित क्षेत्र को बढ़ाएं। बैठक में उरेडा विभाग से आए प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया कि विभाग को 1 करोड़ की धनराशि अनुमोदित हुई जिसमे विभाग द्वारा सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर पावर प्लांट, सोलर बैटरी मरम्मत हेतु धनराशि व्यय की जाती है। जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी उरेडा को निर्देश दिए की जनपद में जहां-जहां आवश्यकता है वहां सोलर स्ट्रीट लाइट लगाएं जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें तथा गांव-गांव स्ट्रीट लाईट लगाए। उद्योग विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि 22 लाख धनराशि अनुमोदित हुई जिसमें से 78% धनराशि व्यय की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक उद्योग केंद्र को जिले में उद्यमिता विकास हेतु मेला प्रदर्शनी आदि लगाए जाने के निर्देश दिए।


जिला क्रीड़ा अधिकारी ने बताया कि विभाग को 90 लाख धनराशि अनुमोदित हुई जिससे खेल प्रतियोगिताएं, कैंप, आवासीय छात्रावास टनकपुर पर, साथ ही क्रीडा प्रतिष्ठानों का निर्माण पर व्यय किया जाता है। जिलाधिकारी ने जिला क्रीड़ा अधिकारी को जिले में युवाओं में खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ाये जाने हेतु समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं कराने के निर्देश दिए। युवा कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान जिला युवा कल्याण ने बताया कि 463.28 का परिव्यय प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने जिला युवा कल्याण तथा खेल विभाग को समन्वय के साथ कार्य कर जिले में खेल गतिविधियों को बढ़ाने के अतिरिक्त युवक मंगल दलों द्वारा नशा मुक्ति अभियान व जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए,साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा।

समाज कल्याण अधिकारी ने बताया की विभाग को 11 लाख परिव्यय से विभिन्न छात्रावासों का सुदृढीकरण व रखरखाव, विभिन्न पेंशन, शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रावास में बेहतर सुविधाएं मुहैय्या कराने के निर्देश दिए। जिला सेवायोजन अधिकारी ने अवगत कराया कि विभाग को 11 लाख का परिव्यय प्राप्त हुआ जिसमें करियर काउंसलिंग सहित प्रचार प्रसार किया जाता है।

वन विभाग की समीक्षा करते हुए प्रभागीय बना अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया की विभाग को 66 लाख धनराशि परिवार के सापेक्ष 21 लाख धनराशि प्राप्त हुई। प्रभागीत वनाधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में विभिन्न स्थानों से बंदरों को पकड़ा जा रहा है। वर्तमान तक 428 बंदर पकड़ कर रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेज दिए गए हैं, इसके अतिरिक्त पौधारोपण का कार्य भी जिले में कराए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी को जिले के विभिन्न वन विश्राम गृहों के सुधारीकरण ट्रैक मार्गों के निर्माण के कार्य को शीघ्र करने के अतिरिक्त जिले में विभिन्न स्थानों में इको पार्क विकसित किए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने बताया कि विभाग को 952.14 लाख परिव्यय के सापेक्ष 298 लाख धनराशि प्राप्त हुई जिसमें 79.61 व्यय किया जा चुका है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जनपद में 7 नवनिर्माण सड़के हैं 60% धनराशि पुराने कार्यों को पूर्ण करने में व्यय की जा रही है। इसके अलावा चार भवनों की मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता जल संस्थान द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग को 470 लाख परिव्यय के सापेक्ष 151 लाख की धन राशि प्राप्त हो गई है जिसमें से 71 प्रतिशत धनराशि व्यय कर ली है। साथ ही अधिशासी अभियंता पेयजल निगम ने अवगत कराया कि विभाग को शासन से 82 लाख परिव्यय के सापेक्ष 27.50 प्राप्त हुए जिसमे से 10.50 की धनराशि व्यय की जा चुकी हैं। जिलाधिकारी ने दोनों विभागों के अधिकारियों को जिले में पेयजल की समुचित व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनें पंपों को मरम्मत के भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। प्राथमिक शिक्षा की समीक्षा करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि 204.04 लाख के सापेक्ष 66 लाख की धनराशि प्राप्त हुई है। तथा माध्यमिक शिक्षा में 209 लाख के सापेक्ष 66 लाख की धनराशि प्राप्त हुई है। जिसमें शत प्रतिशत धन व्यय किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त विद्यालय भवनों की मरम्मत व सुधारीकरण का कार्य गतिमान है। 24 प्राथमिक विद्यालय की मरम्मत का कार्य चल रहा है तथा स्मार्ट क्लास तैयार किये जा रहे हैं।


अधिशासी अभियंता राजकीय सिंचाई ने अवगत कराया कि विभाग को 154 लाख के सापेक्ष 50.70 लाख की धनराशि प्राप्त हुई है। जिसमें से वर्तमान तक 86% धनराशि व्यय की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने विभाग को कोलिढेक झील क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा इसके अतिरिक्त लघु सिंचाई, नलकूप, पर्यटन, कला संस्कृति, चिकित्सा स्वास्थ्य, पंचायती राज आदि विभागों की भी जिलायोजना अंतर्गत प्राप्त धनराशि के सापेक्ष किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई तथा अधिकारियों व कार्यदाई संस्थाओं को निर्देश दिए कि जो भी धनराशि प्राप्त हो रही है तत्काल टेंडर की कार्यवाही करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य प्रारंभ कर शीघ्रता से धनराशि व्यय करें। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए की जिला योजना में जितनी भी धनराशि प्राप्त होती है उसे आगामी 31 दिसंबर तक वह शत प्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी आर0सी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी दीप्त कीर्ति तिवारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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