चम्पावत : डीएम ने जल संस्थान के अधिकारियों को विकास खंड मुख्यालयों में शिविर लगाकर लोगों की पेयजल संबंधी समस्याएं दूर करने के दिए निर्देश
चम्पावत। जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भण्डारी ने जिले में विभिन्न योजनाओं के अतर्गत संचालित विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत हर घर नल योजना के तहत पेयजल निगम तथा जल संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि इस सम्बंध में विभिन्न क्षेत्रों से आए ग्रामीणों द्वारा पेपजल की समस्या से उन्हें अवगत कराया जा रहा है। इस प्रकार की समस्याओं के समाधान प्राथमिकता से किया जाय। जिलाधिकारी ने पेयजल निगम तथा जल संस्थान के अधिशासी अभियंताओं को शीघ्र ही जिले के चारों विकास खण्ड मुख्यालयों में शिविर लगाकर ग्रामीणों की पेयजल से सम्बंधित समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया कि जल जीवन मिशन अंतर्गत 2 से 5 करोड़ की लागत की स्वीकृत कुल 61 योजनाओं में से 18 में टेण्डर की कार्यवाही पूर्ण कर 8 में कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन योजनाओं में कार्य गतिमान है उनमें और अधिक तेजी लाई जाय तथा जिनमें कार्य होना है उसकी कार्यवाही की जाय। उन्होंने योजना के नोडल अधिकारी जिला विकास अधिकारी को प्रत्येक सप्ताह योजना के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा स्वजल परियोजना अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत व्याक्तिगत शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता कॉम्प्लेक्स निर्माण ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट की स्थापना के कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान परियोजन अधिकारी स्वजल ने अवगत कराया कि योजना अंतर्गत जिले में 246 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण लक्ष्य के सापेक्ष 225 शौचालय पूर्ण हो गए हैं। 21 में कार्य प्रगति पर है। जिले में 12 सामुदायिक स्वच्छता कॉम्प्लैक्स पूर्ण हो गए हैं। 7 में कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त जिले में 4 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट स्थापित की जानी थीं, जिनमें से पाटन पाटनी, बाराकोट और नायकगोठ में कार्यपूर्ण हो गया है। पाटी में कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी द्वारा शीघ्र ही कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मनरेगा कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जिले में मनरेगा से निर्मित अमृत सरोवर निर्माण कार्यों, प्राकृतिक नौलों के जीर्णोधार कार्य व फिश टैंक निर्माण की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिला विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में मनरेगा से 71 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 64 पूर्ण हो गए हैं। 7 में कार्य प्रगति पर है। इन सरोवरों में से 33 में मत्स्य पालन भी कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में मत्स्य पालन को बढ़ाए जाने हेतु अधिक से अधिक मत्स्य तालाबों का निर्माण कर मत्स्य विभाग के सहयोग से उनमें मत्स्य बीज डाले जाय। स्थानीय लोगों को इस कार्य हेतु प्रेरित भी किया जाए ताकि लोग स्वरोजगार की ओर निरंतर आगे आएं। उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर विकास कार्यों का स्वयं निरीक्षण करने के अतिरिक्त ग्रामीणों को स्वरोजगार के कार्यों से जोडें, जिलाधिकारी ने कहा कि जो नौले जीर्ण शीर्ण हो गए हैं वह पुराने स्वरूप में दिखें इस हेतु उनके सुधारीकरण कार्य में विशेष ध्यान रखा जाय। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा जिले में संचालित नई परियोजना रीप के प्रस्तावित कार्यों के बारे में भी जानकारी ली, तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिला विकास अधिकारी एसके पंत, एपीडी विमी जोशी अधिशासी अभियंता जल संस्थान विलास युनुस पेयजल निगम वीके पाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।