Monday, December 23, 2024
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चम्पावत : दुग्ध दिवस पर आंचल डेयरी की ओर से आयोजित की गईं स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं, विजेताओं को पुरस्कृत किया

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चम्पावत। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर दुग्ध संघ चम्पावत (आंचल डेयरी) की ओर से नगर के एबीसी आल्मा मैटर स्कूल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।

चित्रकला प्रतियोगिता में प्राथमिक वर्ग में जिया पांडेय अपैक्स अकादमी, इशिका जोशी एमबीएस विद्या मंदिर व सीमा महर एमबीएस विद्या मंदिर, सब जूनियर वर्ग चित्रकला प्रतियोगिता में कनक तड़ागी उदयन स्कूल, सोनाक्षी पारस राजकीय बालिका इंटर कॉलेज व साक्षी पांडेय एमबीएस विद्या मंदिर, जूनियर वर्ग चित्रकला प्रतियोगिता में भाविका खाती राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, निकिता जोशी उदयन इंटरनेशनल व सुहानी एबीसी अल्मा मैटर, सीनियर वर्ग चित्रकला प्रतियोगिता में गुंजन ढेक उदयन इंटरनेशनल, तनीषा थापा मॉडर्न इंटर कॉलेज व ग्रेशि बोहरा एबीसी आल्मा मैटर ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं सुलेख प्रतियोगिता में दिया गोस्वामी एबीसी अल्मा मैटर, काजल राजकीय बालिका इंटर कॉलेज व प्रियंका बोहरा विवेकानंद विद्यामंदिर चम्पावत ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता के विजेता सभी बच्चों को दुग्ध संघ चम्पावत की ओर से पुरस्कार वितरित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दुग्ध संघ की अध्यक्ष पार्वती जोशी ने की। संचाल एबीसी अल्मा मैटर स्कूल के उप प्रधानाचार्य नीरज जोशी ने किया। इस अवसर दुग्ध संघ चम्पावत के प्रबंधक पुष्कर सिंह नगरकोटी, मार्केटिंग इंचार्ज सुरेंद्र सिंह तड़ागी, समस्त स्टाफ व अन्य विद्यालय से आए शिक्षक आदि उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के ‘मिल्क मैन’ कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है…
डॉ. वर्गीज कुरियन ने ‘ऑपरेशन फ्लड’ के माध्यम से भारत में दूध उत्पादन में क्रांति ला दी थी। इस क्रांति के कारण ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन सका। यह दिन दूध को एक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ के रूप में और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को उजागर करता है। यह दिन डेयरी उद्योग में लगे लोगों को प्रेरित करता है और इस क्षेत्र में और अधिक विकास के लिए प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस का महत्व:
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना: डेयरी उद्योग लाखों किसानों के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है।
पोषण में सुधार: दूध कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है।
आत्मनिर्भर भारत: दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता भारत को खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे ले जाती है।
सेमिनार और कार्यशालाएं: डेयरी उद्योग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
पुरस्कार वितरण: डेयरी उद्योग में उत्कृष्ट योगदान के लिए लोगों को पुरस्कार दिए जाते हैं।
जागरूकता अभियान: दूध के महत्व और डेयरी उत्पादों के सेवन के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।