चंपावत

चम्पावत : राजबुंगा किला परिसर (तहसील परिसर) में भूस्खलन रोकने के लिए होंगे सुरक्षात्मक कार्य

ख़बर शेयर करें -

चम्पावत। जिला मुख्यालय के एतिहासिक राजबुंगा किला परिसर (तहसील परिसर) में भूस्खलन रोकने के लिए जल्द सुरक्षात्मक कार्य होंगे। इसके लिए शासन ने राज्य आपदा न्यूनीकरण मद से प्रथम किस्त 38 लाख रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दिए हैं। वर्तमान में राजबुंगा किला परिसर में एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, सब रजिस्ट्रार कार्यालय और लीगल एड क्लीनिक आदि कार्यालयों का संचालन किया जा रहा है।

चंद शासकों की ओर से 13 वीं शताब्दी से पूर्व निर्मित राजबुंगा किले को ब्रिटिश हुकूमत के दौर में भी केंद्रीय स्थल के रूप में प्रयोग में लाया गया। पिछले वर्ष आई भारी बारिश से राजबुंगा किले की दीवारों में दरारें आने से किले को खतरा होने लगा। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से भूस्खलन रोकने के लिए 63.58 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर मंजूरी के लिए शासन को भेजी गई। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि शासन की ओर से मूल्यांकन और विभागीय समिति की बैठक में संस्तुति प्रदान करते हुए राज्य आपदा न्यूनीकरण मद से प्रथम किस्त के रूप में 38 लाख की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। जल्द कार्य प्रारंभ किया जाएगा। संवाद

किले को संग्रहालय में तब्दील करने की कवायद शुरू
चम्पावत। जिला मुख्यालय के मध्य स्थित राजबुंगा किले को संग्रहालय में तब्दील करने की कवायद शुरू हो गई है। पर्यटन विभाग की ओर से राजबुंगा किले को संग्रहालय का स्वरूप दिया जाएगा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि संग्रहालय निर्माण के लिए जिला योजना में 20 लाख रुपये की डीपीआर के सापेक्ष प्रथम चरण में 10 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है।