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चम्पावत: मनोचिकित्सक ने की नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती लोगों की काउंसलिंग एवं उपचार की समीक्षा

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चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार के आदेशानुसार देवभूमि नशा मुक्ति केंद्र कफलांग में विशेष परामर्श एवं समीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य नशा मुक्ति की प्रक्रिया को और सशक्त बनाना तथा नशा मुक्त समाज की दिशा में ठोस कदम उठाना था।

इस अवसर पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अशुतोष बहुगुणा ने केंद्र में भर्ती 13 लाभार्थियों की व्यक्तिगत काउंसलिंग की तथा उनके चल रहे उपचार की गहन समीक्षा की। काउंसलिंग के दौरान उन्होंने प्रत्येक मरीज से संवाद स्थापित कर उनकी मानसिक स्थिति, नशे से जुड़ी चुनौतियों और उपचार की प्रगति का विस्तृत आकलन किया। डॉ. बहुगुणा ने मरीजों को प्रेरित करते हुए कहा कि नशा मुक्ति केवल दवाओं से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास और परिवार व समाज का सहयोग सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उन्हें ध्यान, व्यायाम और कौशल विकास जैसी गतिविधियों को अपनाने की सलाह दी, ताकि वे नशा छोड़कर सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ सकें।

निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि सभी लाभार्थियों को समय पर दवा, पौष्टिक भोजन और आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध हो रही है। साथ ही केंद्र की व्यवस्थाओं—स्वच्छता, चिकित्सकीय रिकॉर्ड, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श सत्रों की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने केंद्र के कर्मचारियों को निर्देश दिए कि हर लाभार्थी की प्रगति का व्यवस्थित रिकॉर्ड रखा जाए और समय-समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की काउंसलिंग कराई जाए। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि नशा मुक्ति केवल इलाज तक सीमित न रहकर स्थायी परिवर्तन में बदल सके। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य केवल उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि नशा मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करना है। इसके लिए चिकित्सा के साथ-साथ सामाजिक सहयोग, जागरूकता और पुनर्वास को जोड़कर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

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