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चम्पावत : डॉ.कुलदीप यादव के खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोला, शीघ्र स्थानांतरण किए जाने की मांग, अनशन की चेतावनी

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चम्पावत। एसीएमओ के पद पर रहते हुए टीबी अधिकारी डॉ.कुलदीप यादव द्वारा महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ की गई अभद्रता व उत्पीड़न के मामले सामने आने के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व नागरिकों का गुस्सा चरम पर है। वे डॉ.यादव के खिलाफ कार्यवाही की मांग लगातार उठा रहे हैं। अब तक कार्यवाही न होने पर गुस्साए लोगों ने डीएम से मुलाकात कर डॉ.यादव को जल्द से जल्द जिले से हटा कर बाहर किए जाने की मांग की। कार्यवाही न होने पर अनशन की चेतावनी भी दी गई है।

पिछले दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात कई महिला कर्मचारियों ने प्रभारी एसीएमओ पद पर तैनात डॉ.कुलदीप यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग उठाई। उनकी मांग को ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज तड़ागी ने भी बल प्रदान किया। इतना ही नहीं भाजपा नेताओं व व्यापार मंडल ने जिला प्रभारी सचिव चंद्रेश यादव को ज्ञापन सौंप कर डॉ.यादव को हटाए जाने की मांग की। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ.यादव को एसीएमओ पद से हटा दिया। तब कहा गया कि डॉ.यादव के अनुरोध पर उन्हें पद मुक्त किया जा रहा है। आज तक महिला कर्मियों के साथ हुए उत्पीड़नात्मक व्यवहार को लेकर डॉ.यादव के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है। हालांकि डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।

शुक्रवार को विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में सभी लोगों ने एकजुट होकर जिलाधिकारी नवनीत पांडे से उनके कार्यालय में मुलाकात कर काफी नाराजगी जाहिर की। डीएम के सामने अपनी समस्या व प्रताड़ना की बात कहने में महिला कर्मचारी भी फूट फूट कर रो पड़ीं। जिससे साफ स्पष्ट होता है कि डॉ. कुलदीप यादव ने महिला कार्मियों के साथ किस कदर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की होगी। क्षेत्रीय लोग इनका दर्द देखते आग बबूला हो गए और जल्द स्थानांतरण न होने पर आमरण अनशन की चेतवानी दे डाली। कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अगर अधिकारी ही मनमर्जी करने लगे तो अन्य जिलों का क्या हाल होगा। लोगों ने डॉ. कुलदीप यादव को जल्द से जल्द चम्पावत जिले से हटा कर बाहर किए जाने मांग की। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात महिला कर्चरियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कहा पिछले कई महिनों इस अधिकारी की ओर से चिकित्सा विभाग में कार्यरत कई महिलाओं के साथ मानसिक उत्पीड़न और गलत आचरण के मामले सामने आए हैं। उक्त अधिकारी की ओर से जनपद के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तैनात महिला स्वास्थ्य अधिकारियों को वीडियो कॉल करके परेशान करना, उनका मानसिक उत्पीड़न करना और गलत आचरण करने जैसा अमानवीय व्यवहार किया जाता है। प्रताड़ना कर उन्हें वेतन रोकने, नौकरी से निकलने की धमकी दी जाती है। कहा कि सीएम की विधानसभा में मुख्यमंत्री की छवि भी इससे खराब हो रही है। और महिला कर्मचारियों का मनोबल भी टूट रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि यह हमारे ही क्षेत्र की बहन बेटियां हैं और इस तरह से उनको परेशान करना किसी भी अधिकारी को शोभा नहीं देता है। क्षेत्र के नागरिक और स्थानीयजन ऐसे अधिकारियों को जिले में नहीं चाहते हैं। कृपया भविष्य में कोई बड़ी अशोभनीय घटना हो, उससे पूर्व उक्त एसीएमओ का चम्पावत से स्थानांतरण किया जाए। जिससे कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र का नाम खराब न हो।