चम्पावत : रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त हुई, आठ गंभीर रूप से घायल, बड़ा हादसा होने से टला
चम्पावत। चम्पावत से पिथौरागढ़ की ओर जा रही रोडवेज बस मरोड़ाखान में हादसे का शिकार हो गई। बस सड़क किनारे पहाड़ी से टकराई है। हादसे में आठ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि बस का ब्रेक फेल होने से ये हादसा हुआ है। गनीमत रही कि बस पहाड़ी से नीचे की ओर नहीं गई।
गुरुवार सुबह पिथौरागढ़ जा रही पिथौरागढ़ डिपो की बस यूके07पीए/2906 के तीव्र ढलान पर अचानक ब्रेक फेल हो गए। जिस कारण बस में बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। बस के चालक पंकज पांडेय ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को नियंत्रित कर पहाड़ी से टकरा दिया और बस में सवार 26 यात्रियों की जान बचा ली। पहाड़ी से बस टकराने से चालक परिचालक व छह यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के वक्त उधर से गुजर रहे स्वास्थ्य कर्मी हरिमोहन बोहरा ने पुलिस व 108 को सूचना दी। हरिमोहन बोहरा, पंकज भट्ट, पंकज जोशी व पंकज खर्कवाल आदि युवाओं ने घायल यात्रियों को बस से निकाला। सूचना मिलने पर 112 व पुलिस मौके पर पहुंची तथा सभी घायलों को एंबुलेंस 108 के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। मामूली रूप से घायलों को अन्य बस से उनके गंतव्य को भेज दिया गया। घायलों का इलाज कर रहे डॉक्टर करन ने बताया सभी घायल खतरे से बाहर हैं, पर चोटें काफी लगी हुई है। जिनका उपचार चल रहा है। घायलों में उज्जवली धामी 51 वर्ष, विवेक 25 वर्ष, अरविंद बेलाल 20 वर्ष, मयंक कार्की 19 वर्ष, कमल थापा 23 वर्ष व लक्ष्मी 40 वर्ष शामिल हैं।
बस के चालक पंकज पांडे ने बताया तीव्र ढलान में अचानक से बस के ब्रेक फेल हो गए, तो उन्होंने यात्रियों की जान बचाने के लिए बस को पहाड़ी से टकराना पड़ा। चालक ने बताया उन्हें बस को रोकने के लिए तीन बार बस को पहाड़ी से टकराना पड़ा। कहा बस काफी पुरानी हो चुकी है। वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स न मिलने के कारण जुगाड़ कर बसों को चलाना पड़ता है। वहीं हादसे की जानकारी मिलते ही लोहाघाट डिपो के एजीएम केएस राणा ने अस्पताल पहुंच कर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा नियमों के हिसाब से सभी घायलों को मुआवजा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा पहाड़ी रूटों पर खटारा बसों को दौड़ाया जा रहा है। वर्कशॉप में बसों के स्पेयर पार्ट्स नहीं मिलने से बसें जुगाड़ पर दौड़ रही है। ऐसे में अक्सर या तो बसें हादसे का शिकार हो जाती हैं या खराब होकर कहीं पर भी खड़ी हो जाती हैं। जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रोडवेज प्रशासन लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर बसों को दौड़ा रहा है। गनीमत रही बस पहाड़ी से नीचे नहीं गई अन्यथा एक भीषण हादसा हो सकता था।