चम्पावत : कोट अमोड़ी, संद्रका व नरसिंह डांडा के मतदाताओं ने किया चुनाव बहिष्कार, बूथों पर पसरा रहा सन्नाटा


चम्पावत। जनपद की कोट अमोडी ग्राम पंचायत के दो गांव संद्रका और कोट अमोड़ी गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार किया। शुक्रवार 19 अप्रैल की सुबह जिले के 344 बूथों पर लोकतंत्र के महापर्व का आगाज हुआ, लेकिन जनपद के कोट अमोड़ी और संद्रका गांव के 450 से अधिक मतदाताओं ने क्षेत्र की अनदेखी से आहत होकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। ग्रामीणों का कहना था कि वे लंबे समय से क्षेत्र में सड़क सुविधा सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार व जिला प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे परेशान होकर उन्होंने इस बार चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया था और वे अपने फैसले पर कायम रहे। गांव से एक भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने नहीं किया। गांव के लोग आज भी पांच किमी की पैदल यात्रा करने के बाद गांव तक पहुंचते हैं। जिसमें गांव के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


चम्पावत : नरसिंह डांडा में पड़े मात्र 3 वोट गांव में विकास कार्य न होने से ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार भाजपा नेताओं पर लगे कई गंभीर आरोप
चम्पावत विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव नरसिंह डांडा के ग्रामीणों ने गांव की अनदेखी करने, विकास कार्य न होने तथा भेदभाव करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए चुनाव बहिष्कार कर दिया। बूथ में 711 मतदाताओं में से मात्र तीन मतदाताओं ने हीं वोट डाला। चुनाव बहिष्कार की चेतावनी ग्रामीणों के द्वारा प्रशासन को पहले ही दे दी गई थी। पूर्व प्रधान दीपक कुमार और ग्रामीणों ने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर से धामी ने अपने नरसिंह डांडा दौरे के दौरान गांव के विकास कार्य के लिए कई घोषणाएं की थीं। जिनमें से किसी भी घोषणा में कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर उनके गांव में विकास कार्य न होने देने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा अनुसूचित जाति गांव होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा उन्होंने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री धामी को 96 प्रतिशत मत दिया था। वहीं ग्रामीणों ने सांसद अजय टम्टा के खिलाफ भी गहरी नाराजगी जताई है ग्रामीणों ने कहा सांसद के द्वारा भी उनके गांव की ओर देखा तक नहीं किया, जबकि वह अनुसूचित जाति से आते हैं। ग्रामीणों ने बताया मुख्यमंत्री ने गांव के दौरे के दौरान सात घोषणाएं की थीं। ग्रामीणों ने भाजपा नेताओं पर उनके गांव मे विकास कार्य न होने देने का गंभीर आरोप लगाया है ग्रामीणों ने कहा उन्हें ना तो सांसद निधि का लाभ मिलता है ना ही विधायक निधि का। उनके गांव के नाम से अन्य गांव के विकास कार्य किया जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को समझने की भरपूर कोशिश की गई पर ग्रामीण नहीं माने गांव की एक भी महिला ने मतदान नहीं किया।
