चम्पावत : जैव विविधता दिवस पर जीजीआईसी में हुआ कार्यशाला का आयोजन

चम्पावत। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) देहरादून के उत्प्रेरण एवं सहयोग तथा रूरल एन्वायरमेंटल एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (रीड्स) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई के उपलक्ष्य में राजकीय बालिका इंटर कालेज चम्पावत में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में क्षेत्र के सैकड़ों छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।


विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्या चंद्रकला टम्टा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ. बीडी सुतेड़ी, सेवानिवृत प्राचार्य तथा डॉ. रजनी पंत कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट ने जैव विविधता संरक्षण विषय पर विस्तार से छात्रों को जानकारी दी। डॉ. सुतेडी ने जैव विविधता की जानकारी देने के साथ साथ उसके समय और व्यक्तिगत जीवन में उपयोग के बारे में जागरूक होना आवश्यक बताया और कहा की अधिक उत्पादन पैदा करने की होड़ में हमने पारंपरिक पद्धति को छोड़ दिया है, जो की चिंताजनक है। कहा हम नया कुछ जरुर अपनाएं परंतु पारंपरिक पद्धति को न छोड़ें । कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. रजनी पंत ने जंतुओं और वनस्पतियों के आपसी सम्बन्ध के बारे में बताते हुए खाद्य श्रृंखला के महत्व को समझाया और आधुनिक खेती आदि कैसे हो की जानकारी दी। रीड्स के इंद्रेश लोहनी ने सभी आगंतुकों और यूकॉस्ट का आभार व्यक्त किया कि जिले में ऐसी कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है और जिला आदर्श जिला बनने की ओर को आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसके लिए महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत का आभार जताया। यूकॉस्ट समन्वयक देवेंद्र सिंह ने विशेष रूप से चम्पावत जिले में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों महिला प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना, गैनोडर्मा मशरूम का उत्पादन, जूट बैग का निर्माण और पिरुल से ब्रिकेट्स निर्माण के बारे में जानकारी दी। रीड्स समन्वयक कुसुम थ्वाल ने जैव विविधता पर कविता के माध्यम से विषय पर प्रकाश डाला। किरन गहतोड़ी ने सभी का आभार व्यक्त किया। डॉ. एम पी जोशी ने जैव विविधता दिवस मनाने के कारण तथा जरूरत पर बल दिया। कार्यशाला में रीड्स की ललिता बोहरा, अर्चना लोहनी, मनोज बिष्ट, नमिता मुरारी, लता राणा, ललिता गहतोड़ी व विद्यार्थी हिमांशु बुराठी, तनुजा बिष्ट, निकिता जोशी, साक्षी कार्की, निधि कार्की, रेनू जोशी, नीतू बोहरा, गरिमा बिष्ट, रमेश मौनी, संजना महर, डॉली रावत, मनीषा आर्य आदि उपस्थित रहीं। कार्यशाला का सफल संचालन नरेश चंद्र जोशी द्वारा किया गया।

