चम्पावत में चाइल्ड हेल्पलाइन और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से रुका बाल विवाह
चम्पावत। प्रशासन की सतर्कता और चाइल्ड हेल्पलाइन की सक्रिय भूमिका से विकास खंड चम्पावत के ग्राम में होने जा रहा एक बाल विवाह समय रहते रोक दिया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर विवाह की प्रक्रिया पर रोक लगाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 17 वर्षीय बालिका का विवाह दिल्ली निवासी 27 वर्षीय युवक के साथ तय किया गया था। जैसे ही इस मामले की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर पहुंची, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बालिका के घर पहुंचकर परिवार को समझाया कि बाल विवाह न केवल सामाजिक बुराई है, बल्कि यह कानूनन दंडनीय अपराध भी है। इसके लिए दो वर्ष तक की कैद और एक लाख रुपये तक का आर्थिक दंड निर्धारित है। टीम ने दोनों परिवारों से संवाद किया और स्पष्ट किया कि विवाह के लिए बालिका की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा बालक की 21 वर्ष अनिवार्य है। समझाइश के बाद परिवारों ने विवाह को टालने पर सहमति जताई और सुनिश्चित किया कि बालिका के 18 वर्ष पूरे होने के बाद ही विवाह किया जाएगा।

इस अवसर पर स्थानीय लोगों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों जैसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव, शिक्षा में रुकावट तथा सामाजिक शोषण के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही लोगों से अपील की गई कि किसी भी ऐसे प्रकरण की जानकारी होने पर तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें। प्रशासन और चाइल्ड हेल्पलाइन की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक नाबालिग बालिका को बाल विवाह से बचाया, बल्कि समाज को भी यह सशक्त संदेश दिया कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
