चम्पावत : सेरा नदी में पुल न होने से जान खतरे में डाल कर स्कूल जा रहे बच्चे
पाटी विकासखंड के बिगराकोट ग्राम पंचायत का मामला, स्कूली बच्चों के अलावा इस मार्ग से कई गांवों के लोग भी करते हैं आवागमन
चम्पावत। जनपद के पाटी विकासखंड की ग्राम पंचायत बिगराकोट की सेरा नदी में पुल नहीं होना स्कूली बच्चों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। जीआईसी गरसाड़ी सहित अन्य स्कूलों के बच्चे बरसात में जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं। खासकर बरसात में पानी का बहाव तेज होने से खतरा और बढ़ जाता है। लगातार हो रही बारिश से नदी में पानी का स्तर बढ़ जाने से ग्रामीण सुबह और शाम नदी में हाथ पकड़ कर बच्चों को नदी पार करा रहे हैं। या फिर 7 किलोमीटर का सफर तय कर सड़क पर बने पुल से विद्यालय जाना पड़ता है। 7 किमी दूरी तय करने पर करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है। इससे बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने में मुश्किल होती है।

बिगरकोट की जीआईसी गरसाड़ी में रीठा, झलकपुर, कनारी, भुम्वाड़ी, छौड़ागांव, करौली के बच्चे सेरा नदी से होते हुए जाते हैं। प्रकाश चंद्र, गणेश भट्ट, बलराम, महिमा गोस्वामी, किशोर राम, संतोष राम आदि अभिभावकों का कहना है कि दो साल पहले की आपदा में सेरा नदी पर बना पुल बह गया था। ग्रामीणों का कहना है कि वे आपदा कंट्रोल रूम के साथ ही तहसील, कलक्ट्रेट से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका हैं।

स्कूली बच्चों के अलावा इस मार्ग से कई गांवों के लोग भी आवागमन करते हैं। ग्राम प्रधान महिमा गोस्वामी, जीवन चंद्र, रमेश भट्ट, भुवन चंद्र, हरीश कुमार, मुकेश राम, देवकी नंदन भट्ट, प्रकाश राम, प्रहलाद राम, जगदीश राम, महेश चंद्र, विनोद सिंह, मुकेश बोहरा, जगदीश गोस्वामी, कैलाश गोस्वामी, ललित तिवारी, ललित गोस्वामी, छत्तर सिंह सहित कई लोगों ने शीघ्र नदी पर पुल का निर्माण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नही-नाले या खतरे वाले स्थानों के स्कूलों में तेज बारिश होने या नदी-नाले उफान में आने पर स्कूल बंद करने और सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
