सीएम धामी ने टनकपुर में द्वितीय पुस्तक मेले का किया शुभारंभ, कहा पुस्तक मेलों से पढ़ने-लिखने की परंपरा बढ़ रही आगे

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा कि किसी कार्यक्रम में स्वागत समारोह में बुके नहीं बुक देकर परंपरा की शुरुआत करें


टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राम रतन लाल भगवत शरण अटल उत्कृष्ट आदर्श राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में तीन दिन तक चलने वाले पुस्तक मेले का शुभारंभ किया। विभिन्न स्टालों का निरीक्षण करने के बाद सीएम धामी ने पुस्तक मेला आयोजन समिति को द्वितीय पुस्तक मेला 2023 के आयोजन के लिए बधाइयां दीं। उन्होंने कहा की समिति ने प्रतिवर्ष पुस्तक मेले की जो यह अनूठी परंपरा शुरू की है, यह निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक मील के पत्थर का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, अध्यात्म, संगीत, कला आदि के संगम की अनूठी पहल है। यह पुस्तक मेला निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि समस्त उत्तराखंड के लिए एक मार्ग बनाने का कार्य करेगा।


सीएम धामी ने कहा कि इस प्रकार के पुस्तक मेलों से जहां एक ओर उत्तराखंड में ज्ञान की परंपरा विकसित होगी वहीं दूसरी ओर साहित्यकारों व लेखकों आदि को भी एक मंच प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पुस्तक मेले का विषय ‘नशा छोड़ें, पुस्तक चुनें’ है। हमें अपनी भावी पीढ़ी व युवाओं को ‘नशे को ना और पुस्तकों को हां’ के लिए प्रेरित करना है। जिसके लिए यह पुस्तक मेला एक सकारात्मक माध्यम है। व्यक्ति की सबसे सच्ची मित्र पुस्तक ही होती है, जिसके ज्ञान से ही सभ्य समाज का निर्माण होता है। कोई भी अपने ज्ञान से ही समाज में अपनी एक विशेष पहचान बना सकता है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में भी कहा गया है कि शास्त्रों का या पुस्तकों का बार-बार अध्ययन करते रहना चाहिए, तभी वह प्रभावी और उपयोगी बनते रहते हैं।


उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट के जमाने में हम सभी इंटरनेट पर निर्भर होते जा रहे हैं। तकनीक निःसन्देह हमारे लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण जरिया है, परंतु इंटरनेट किताबों के अध्ययन को बदल नहीं सकता। हम केवल इंटरनेट के ऊपर ही निर्भर नहीं रह सकते। पुस्तकों द्वारा प्राप्त जानकारी हमारे दिमाग में रहती है। इसके लिए पुस्तक का हमारे पास होना, हमारे साथ होना व हमारे सामने होना अत्यंत आवश्यक है। बदलते समय के साथ किताबों की व किताबों को पढ़ने की हमारी आदत बनी रहे यह अत्यंत आवश्यक है। फिर चाहे किताबें फिजिकल फॉर्म में हो या डिजिटल फॉर्म में। सीएम धामी जी ने कहा कि उत्तराखंड में पूरी शक्ति के साथ ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने व इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहे है। क्योंकि नशा केवल एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके सारे परिवार और समूचे समाज को हानि पहुंचाता है। नशे के कारोबार से जुड़ा व्यक्ति न केवल कानून बल्कि समाज का भी दुश्मन है। और ऐसे समाज के दुश्मन का समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक ढांचे को सशक्त करने के लिए लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठने के लिए नशे के दानव को खत्म करना ही होगा।

उन्होंने कहा कि हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर ही निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2025 तक “ड्रग्स फ्री देवभूमि” का लक्ष्य तय किया गया है इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। जहां एक और युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। इस महोत्सव का एक आयाम यह भी है कि हमारी आजादी की लड़ाई के इतिहास को किस प्रकार नई पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत कर सकें। पुस्तक मेले जैसे आयोजन से देश के इस अभियान को गति मिल सकती है। आजादी की लड़ाई से जुड़ी किताबें को विशेष महत्व दिया जा सकता है तथा ऐसे लेखकों को भी एक मजबूत मंच प्रदान किया जा सकता है। इस प्रकार के पुस्तक मेले के आयोजन से युवाओं में किताबों के प्रति आकर्षण पैदा होगा और नशे की लत छूटेगी। किताबों की लत से ही, नशे की लत छोड़ी जा सकती है। सीएम धामी ने कहा कि मुझे भी कभी किताबें पढ़ने का अवसर मिलता है तो मैं भी राष्ट्र नायकों की जीवनी पढ़ने की कोशिश करता हूं। क्योंकि उनसे मुझे प्रेरणा मिलती है। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि कोई भी कार्यक्रम हो बुके नहीं बुक दीजिए जिससे जहाँ एक ओर लोगों की किताबों के प्रति रुचि बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर किताबों की बिक्री बढ़ाने के साथ ही लेखकों को आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा की किताब खरीदना भी एक प्रकार की समाज सेवा है, क्योंकि इससे हम स्वयं के तथा उस किताब को पढ़ने वाले के ज्ञान में वृद्धि करते हैं। वहीं छोटे से कार्य से किताब बेचने वालों, किताब लिखने वालों और किताब छापने वालों, सभी को फायदा होता है। इसीलिए किताब खरीदने की आदत डाले क्योंकि यह छोटा सा प्रयास ही समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बहुउद्देशीय क्षेत्रीय साधन सहकारी समिति टनकपुर के माध्यम से छह लाभार्थियों को 8.40 लाख के चेक वितरित किए। जिनमें गैड़ाखाली निवासी नरेंद्र सिंह भंडारी, हिमांशु बागी, किशन राम, सुनील कुमार के अलावा तलियाबांज निवासी चंद्रावती देवी और कलीगूंठ निवासी चिंतामणि तिवारी शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्येक लाभार्थी को विकास योजनाओं का लाभ दे रही है।

इस मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष रोहिताश अग्रवाल और सचिव नवल किशोर तिवारी ने बताया कि पुस्तक मेले में 24 प्रकाशकों व लेखकों के स्टॉल लगाये गए हैं। जिसमें 2 स्टॉल मित्र देश नेपाल से भी लगे हैं। द्वितीय पुस्तक मेला-2023 का मुख्य आकर्षण अनोखी बाल कार्यशाला, प्रसिद्ध हस्तियों से सीधी बातचीत, विज्ञान के रहस्य विज्ञान को ना समसामयिकी, भूगोल एवं इतिहास आदि विषयों के 3D मॉडल, प्रकृति दर्शन, जनजाति जीवन, सांस्कृतिक संध्या एवं अन्य रोचक कार्यक्रम किए जाएंगे।

