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नेपाल सीमा पर बन रहे ड्राइपोर्ट को जोड़ने वाले हाईवे का मुआवजा वितरण शुरू, भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू होगी

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टनकपुर। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में बन रहे सूखा बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) को जोडने के लिए भारत से बन रहे चार किमी हाईवे के निर्माण को लेकर एनएचएआई ने भूमि स्वामियों को मुआवजा देने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। वहीं नेपाल ने ड्राइपोर्ट जोड़ने को आठ किमी का हाइवे तैयार कर लिया है। और 800 मीटर लंबा व 23.8 मीटर चौड़ा फोरलेन पुल भी तैयार कर लिया है। इसी पुल से भातर से आने वाला फोरलेन जुड़ना है।

हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम टनकपुर


नेपाल के दोधारा चांदनी में बनने वाले सूखा बंदरगाह से भारत को जोड़ने के लिए भारत से करीब चार किमी फोरलेन सड़क निर्माण होना है, जो कि बनबसा के पचपकरिया, गुदमी, देवीपुरा के गांव होते हुए जाएगा। इसके लिए इन तीन गांवों की 8.0878 हेक्टेयर भूमि पर 9.22 करोड़ का मुआवजा दिया जाना है। कार्यदायी संस्था ने मुआवजे देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि ग्रामीणों में 6.11 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित कर दिया गया है। 3.11 करोड़ मुआवजा राशि शेष है। वहीं दो साल पूर्व से शुरू हुए हाइवे निर्माण के कार्य में नेपाल ने जहां हाइवे व पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया। वहीं भारत अभी वन आपत्तियों को दूर करने के साथ मुआवजा वितरण करने में जुटा हुआ है। फोरलेन के लिए बनाए एलाइमेंट में ग्रामीणों के विरोध में एनएचएआइ ने नया एलाइमेंट तैयार किया है। इसमें करीब 2100 पेड़ काटे जाने हैं। केंद्र सरकार ने फोरलेन निर्माण के लिए करीब 34 करोड़ रुपये स्वीकृत भी कर दिए हैं।

फोरलेन बनने से बढ़ेगा व्यापार
नेपाल के दोधारा चांदनी मे बन रहे सूखा बंदरगाह से भारत .नेपाल के बीच व्यापार में ने अवसर पैदा होंगे। ड्राई पोर्ट के निर्माण से न सिर्फ व्यापार का दायरा बढे़गा, बल्कि बडी़ मात्रा में दोनों देशों के बीच सामान का आयात निर्यात होगा। वर्तमान में नेपाल के व्यापारियों को बनबसा ओर भारत के व्यापारियों को कंचनपुर तक ही व्यापार की अनुमति है। सूखा बंदरगाह बनने के बाद भारत का सामान पश्चिम नेपाल तक निर्यात किया जा सकेगा। इससे नेपाल से लगे उत्तराखंड में भी रोजगार और व्यापार के अवसर बढे़ंगे।