खटीमा में निर्माणाधीन गौशाला की भूमि पर विवाद, कोर्ट ने निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश जारी किया
खटीमा। ग्राम हल्दी में एक गौशाला की भूमि को लेकर चल रहा विवाद अब सिविल न्यायालय तक पहुंच गया है। परमजीत कौर नाम की वादिनी ने दावा किया है कि उनकी निजी जमीन को स्थानीय प्रशासन ने सरकारी बताकर उस पर करोड़ों रुपये की लागत से गौशाला का निर्माण शुरू करवाया। इस याचिका के आधार पर सिविल न्यायालय, खटीमा ने गौशाला के निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

जानकारी के अनुसार, परमजीत कौर ने अपनी याचिका में कहा कि प्रशासन ने उनकी जमीन पर बिना उनकी सहमति के निर्माण कार्य शुरू किया, जिसे उन्होंने अवैध बताया। सिविल न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के बाद गौशाला के निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश जारी किया है, जिससे निर्माण कार्य अस्थायी रूप से रुक गया है। सूत्रों के अनुसार, यह विवाद ग्राम हल्दी में सरकारी और निजी भूमि के दावों को लेकर लंबे समय से चल रहा है। प्रशासन का दावा है कि गौशाला का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया, जबकि याचिकाकर्ता का कहना है कि यह उनकी निजी संपत्ति है। इस मामले में सिविल न्यायालय खटीमा के अंतिम निर्णय सामने आए है।
मामले का विवरण:
– वादिनी: परमजीत कौर
– स्थान: ग्राम हल्दी, खटीमा, उत्तराखंड
– मुद्दा: गौशाला निर्माण के लिए वादिनी की भूमि (खसरा संख्या 240/9 और 310/1) को सरकारी बताकर उपयोग किया गया।
– कोर्ट का आदेश: सिविल जज (जूनियर डिवीजन) खटीमा ने 27 मई 2025 को स्थगन आदेश जारी किया, जिसमें गौशाला निर्माण पर रोक लगाई गई।
– कोर्ट की टिप्पणी: जब तक यह सिद्ध न हो कि भूमि सरकारी है, तब तक वादिनी को अपनी भूमि पर कब्जा और उपयोग का अधिकार है।
यह मामला भूमि स्वामित्व और सरकारी दावों के बीच विवाद को दर्शाता है। स्थानीय प्रशासन ने गौशाला निर्माण शुरू कर दिया था, लेकिन वादिनी के दावे और कोर्ट के आदेश ने इसे रोक दिया है।

