उत्तराखंड # वैक्सीन खत्म, 44 से ऊपर का टीकाकरण हुआ बंद, अब घर घर बटेगी कीड़े की दवा
उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, अब वह धीरे धीरे दम तोड़ने लगा है। 45 साल से लेकर अधिक उम्र वालों की वैक्सीन फिलहाल खत्म हो गई है। इसके सोमवार को इस उम्र वाले टीकाकरण केंद्रों में ताले लग चुके हैं। अब फिलहाल कीड़े मारने की दवा को सरकार घर घर में बांटने जा रही है। दावा है कि इस दवा को जिसने खाया या तो उसे कोरोना हुआ ही नहीं, यदि हुआ तो इसका असर काफी हल्का 18 साल से लेकर टीकाकरण की बात की जाए तो भारत सरकार ने इसे राज्यों के हवाले कर दिया है। केंद्र की तरफ से वैक्सीन मिलनी बंद हो गई है। राज्यों से कहा गया है कि ई टैंडरिंग के जरिये खुद की वैक्सीन खरीदें। ऐसे में सभी राज्य वैक्सीन के जुगाड़ में परेशान हैं। एक मई से 18 साल से लेकर 44 साल का टीका शुरू किया गया, लेकिन इसके साथ ही 45 साल से लेकर इससे अधिक आयु वालों का टीकाकरण अभियान दम तोड़ने लगा है। सोमवार 17 मई को उत्तराखंड में भी 44 साल से अधिक वालों के टीकाकरण केंद्र में ताले लग गए हैं।
उत्तराखंड में 44 साल से अधिक का टीकाकरण बंद
उत्तराखंड में 44 साल से अधिक लोगों के लिए वैक्सीन समाप्त हो चुकी है। अब प्रदेश को केंद्र का इंतजार है। उत्तराखंड में 45 साल से लेकर अधिक उम्र वालों के लिए एक अप्रैल से टीकाकरण शुरू किया गया था। शुरूआत में स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए राज्य में 720 टीकाकरण केंद्र बनाए थे। अब स्थिति ये है कि रविवार 16 मई को पूरे उत्तराखंड में 282 केंद्र में 18421 को टीके लगाए गए। इनमें 18 साल से 44 साल और 44 साल से अधिक वालों में 17281, हैल्थ केयर वर्कर्स में 84 व फ्रंटलाइन वर्कर्स में 1056 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। वहीं, अब तक उत्तराखंड में कुल 1940279 टीके की डोज दी गई है। इनमें दोनों डोज 680066 लोगों को लगाई जा चुकी है। इनमें 18 व इससे अधिक को अब तक कुल 22167 डोज दी गई।
दो तीन दिन में वैक्सीन मिलने की उम्मीद
अब केंद्र सरकार से वैक्सीन नहीं मिलने के चलते उत्तराखंड में 45 से लेकर इससे अधिक उम्र वालों की वैक्सीन खत्म हो गई है। वैक्सीन की नई खेप दो-तीन दिन के भीतर आने की उम्मीद है। ऐसे में 44 साल से अधिक उम्र वालों का राज्य में वैक्सीनेशन ठप रहेगा। बताया जा रहा है कि जो कुछ वैक्सीन बची थी, वो रविवार को खत्म हो गई। राज्य की तरफ से केंद्र को वैक्सीन की डिमांड भेजी जा चुकी है। वैक्सीन 20 मई से पहले पहुंचने की उम्मीद है।
घर घर होगा दवा का वितरण
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे ने 12 मई को बताया था कि हमारे प्रदेश की टैक्नीकल कमेटी गठित के सुझाव के अनुरूप घर घर आइवर मैक्टीन दवा का वितरण किया जाएगा। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति की अध्यक्षता में टैक्नीकल कमेटी गठित कमेटी है। इसमें प्रतिष्ठित सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक शामिल हैं। इस कमेटी ने निर्णय किया है कि यदि प्रदेश की जनता को बचाना है, इंफैक्शन कम करना है तो प्रोफाइल एक्सीज देने पर अच्छे परीणाम होंगे। सरकार ने निर्णय लिया है कि पूरी जनसंख्या को ये दवा देंगे।
उन्होंने बताया कि जल्दी ही आइवर मैक्टीन दवा का वितरण किया जाएगा। इसे सभी व्यस्क को दिया जाएगा। इस दवा को तीन दिन तक खाया जाएगा। इसका साइड इफेक्ट कम है। नुकसान बहुत हायर डोज में होता सकता है। हम मिनिमम डोज देने जा रहे हैं। ये सिर्फ गर्भवती महिला व दो साल से कम के बच्चों को को नहीं दी जाएगी। इसके लिए बूथ लेवल अफिसर्स (बीएलओ) के माध्यम से अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्हें वोटर लिस्ट बनाने के दौरान हर घर की जानकारी होती है। हर गांव, मोहल्ले और बूथ को कवर करेंगे। दवा आ रही है। जहां शुरू करेंगे, पूरे गांव मोहल्ले को कवर करेंगे। आइवर मैक्टीन डी वार्मिंग की दवा है। ये दवा पेट में कीड़े मारने के लिए होती है। ये कोरोना को डवलप नहीं होने देती। उसके असर को खत्म हो जाती है। जिसने खाई है उसे कोरोना नहीं हुआ। जिसने खाई है, उसे हल्का हुआ कोरोना। जल्द शुरू कर रहे हैं। दो साल से ऊपर के लिए देंगे। यदि किसी को साइड इफेक्ट रहा है, उसे नहीं देंगे। राज्य सरकार का निर्णय है।