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दोस्त को रखवाली के लिए दिया घर, दगाबाज ने फर्जी इकरारनामा बनाकर बेचा, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा

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हल्द्वानी। उत्तर प्रदेश निवासी एक बुजुर्ग हल्द्वानी निवासी अपने दोस्त को हल्द्वानी में स्थित मकान की रखवाली करने के लिए दे गया, लेकिन दोस्त दगाबाज निकला। उसने रखवाली करने के बजाय फर्जीवाड़ा कर मकान को बेच दिया। पीड़ित मकान पर कब्जे के लिए पुलिस से लेकर प्रशासन तक गुहार लगाता रहा। इसके बाद भी मकान उसके हाथ नहीं लगा। जिसके बाद आखिरकार उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी बुजुर्ग ने तल्ली बमौरी हल्द्वानी में 33 साल पहले मकान बनवाया। जब रोजगार में घाटा हुआ तो 21 साल पहले दोस्त को देखभाल के लिए मकान सौंपकर हाथरस चला गया। पिछले साल लौटे तो उनके मकान में कोई और कब्जा करके बैठा हुआ था। पता किया तो जानकारी हुई कि दोस्त ने अपने मां के नाम से फर्जी इकरारनामा बनवाकर उसे बेच दिया। मकान को कब्जा लेने के लिए बुजुर्ग थाने से लेकर प्रशासन का चक्कर लगाता रहा, लेकिन मकान नहीं मिलने पर आखिरकार कोर्ट की शरण में गया। कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

उत्तर प्रदेश हाथरस निवासी रामनिवास ने बताया है कि हल्द्वानी के तल्ली बमौरी में वर्ष 1992 में उन्होंने घर बनवाया। मकान में रहते हुए उन्होंने कारोबार भी शुरू किया। अचानक व्यापार में घाटा हुआ और वर्ष 2004 में वह अपने घर हाथरस चले गए। तहरीर के अनुसार जाने से पहले उन्होंने मकान की जिम्मेदारी अपने दोस्त विजय निवासी मल्ला गोरखपुर को दी। पिछले साल जब वह लौटे तो मकान में कोई और कब्जा करके बैठा हुआ था। कब्जेदार ने बताया कि उन्होंने मकान खरीदा है। कागज निकाला तो पता चला कि फर्जी इकरारनामा बनवाकर यह मकान को बेचा गया है। बुजुर्ग में मकान में अपना कुछ सामान भी छोड़ दिया था, लेकिन मकान का सामान भी गायब था।

बुजुर्ग ने न्याय के लिए 25 जुलाई 2024 को पुलिस को तहरीर सौंपी। केस दर्ज करने की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने विजय व उनकी मां और कब्जेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हल्द्वानी कोतवाली प्रभारी राजेश यादव ने बताया है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी।