पूर्णागिरि धाम क्षेत्र के धर्मशाला संचालक और पुजारियों ने मेला मजिस्ट्रेट के समक्ष रखा पक्ष
टनकपुर। मां पूर्णागिरि धाम की धर्मशालाओं में गंदे नाले के दूषित पानी के उपयोग की शिकायत पर प्रशासन के गंभीर रुख के बाद मंगलवार को धर्मशाला संचालकों और पुजारियों ने मेला मजिस्ट्रेट एसडीएम सुंदर सिंह के समक्ष अपना लिखित पक्ष सामूहिक रूप से रखा।
मेला मजिस्ट्रेट को सौंपे गए पत्र में उन्होंने पीने और नहाने में नाले के दूषित पानी का प्रयोग करने की शिकायत को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि नहाने और पीने के लिए धर्मशालाओं में जल संस्थान से पानी के कनेक्शन लिए गए हैं। उनका कहना है कि नाले से लिफ्ट किया जा रहा पानी का धर्मशालाओं में सफाई और शौचालयों में उपयोग कर अग्निसुरक्षा के लिए भी डंप किया जा रहा है। पत्र में नेत्रबल्लभ तिवारी, सुरेश सिंह महर, हयात सिंह महर, कृष्ण सिंह महर, पुष्कर सिंह महर, दीपक तिवारी, हरीश चंद्र तिवारी, नाथ पांडेय, अंबा दत्त आदि के हस्ताक्षर हैं। मेला मजिस्ट्रेट और पूर्णागिरि के एसडीएम सुंदर सिंह ने बताया कि गंदे नाले का दूषित पानी पीने और नहाने में उपयोग करने की शिकायत पर धर्मशाला संचालकों ने अपना पक्ष रखा है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पूर्णागिरि क्षेत्र में हो रही थी नाले के पानी की आपूर्ति!
टनकपुर। मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में भैरव मंदिर और आसपास के क्षेत्र में कुछ जगह से गंदे नाले से पानी की आपूर्ति की पुष्टि हुई है। मेला मजिस्ट्रेट टनकपुर के एसडीएम सुंदर सिंह की ओर से कराई गई जांच रिपोर्ट में इसकी तस्दीक हुई है।
मेला मजिस्ट्रेट के आदेश पर टनकपुर की तहसीलदार पिंकी आर्या ने मौका मुआयना कर स्थानीय लोगों के बयान लिए। एसडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि हुई है। प्रदूषित पानी की आपूर्ति करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पंप जब्त कर आरोपियों को नोटिस दिया जा रहा है। वहीं मेला प्रशासन ने जल संस्थान के अधिकारियों से मेला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति दुरुस्त कर गड़बड़ी रोकने के आदेश दिए हैं। भैरव मंदिर थाना के थानाध्यक्ष हरीश प्रसाद ने मंगलवार को होटल, धर्मशाला सहित कई प्रतिष्ठानों का मुआयना कर संचालकों को साफ पानी के उपयोग करने की हिदायत दी है।