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डीआईजी कुमाऊं ने कोतवाल को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

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नैनीताल। डीआईजी कुमाऊं ने पिछले दिनों रिसोर्ट में हुई छापामारी प्रकरण में रामनगर के कोतवाल अरुण कुमार सैनी को निलंबित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस क्षेत्राधिकारी रामनगर ने इसकी पुष्टि की है। हाईकोर्ट ने टाइगर कैम्प रिजॉर्ट के मैनेजर राजीव शाह की गलत तरीके से की गई एफआईआर और गिरफ्तारी के मामले में रामनगर कोतवाल और गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका में डीजीपी उत्तराखंड और राज्य के प्रमुख सचिव गृह को अदालत में मंगलवार को वीसी पर तलब किया। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया है कि उनके क्लाइंट की पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तारी की थी। इस मामले में उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी।

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इस संबंध में हाईकोर्ट द्वारा डीजीपी और गृहसचिव को सर्कुलर भी जारी किया गया और कहा गया कि जमानतीय अपराधों में नागरिकों को बिना नोटिस सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इन्हीं दिशा निर्देश की दुर्भावना से अवमानना के लिए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी, गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मामले को पुलिस उत्पीड़न का गंभीर मामला मानते हुए मंगलवार को सुनवाई में उच्च अधिकारियों को तलब किया है। कोतवाल के निलंबन से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कुछ और कर्मचारी भी नप सकते हैं।

डीजीपी ने दिए थे डीआईजी को कार्यवाही करने के निर्देश
उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा थाना रामनगर जनपद नैनीताल में पंजीकृत मु0अ0सं0ः 512/2023 धारा 60/21 आबकारी अधिनियम में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के सम्बंध में अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार व अन्य में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन न किये जाने पर घोर आपत्ति व्यक्त की गयी। पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा उक्त प्रकरण का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए  उक्त प्रकरण में तत्काल कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र नैनीताल को निर्देशित किया गया तथा अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार व अन्य में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किये जाने हेतु समस्त वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि यदि भविष्य में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी हेतु उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो सम्बंधित थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी एवं जनपद प्रभारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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