चम्पावत व पिथौरागढ़ में तड़के महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने में 4.8 तीव्रता का भूकंप, पड़ोसी देश नेपाल था भूकंप का केंद्र
चम्पावत/पिथौरागढ़। 21 दिसंबर के तड़के चम्पावत व पिथौरागढ़ सहित देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके आए। चम्पावत जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि शनिवार सुबह 3.59 बजे भूकंप के झटके आए। चम्पावत में रिक्टर पैमाने में भूकंप की तीव्रता 4.8 रही। 10 किलोमीटर गहराई के इस भूकंप का केंद्र नेपाल का जुम्ला अंचल रहा। चम्पावत जिले में भूकंप से किसी नुकसान की सूचना नहीं है। अलबत्ता हालात पर निगरानी रखी जा रही है। भूकंप के झटके तड़के आने से ज्यादातर लोगों को इसका अहसास नहीं हो सका। क्योंकि लोग उस वक्त गहरी नींद में रहते हैं।
पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप आना आम है। 17 और 19 दिसंबर को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 19 दिसंबर को नेपाल के पार्थे से 16 किलोमीटर दूरी पर 4.2 और 17 दिसंबर को मेलबिसौनी से 23 किलोमीटर दूरी पर 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। 2023 में नेपाल में आए भूकंप ने ही 70 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। वहीं लोहाघाट के शशांक पांडेय ने बताया कि सुबह सुबह भूकंप आने का पता कम लोगों को चल पाया क्योंकि व्यक्ति सुबह के समय गहरी नींद में होता है।उन्होंने कहा कि अगर यही भूकंप जागने के बाद आता तो लोगों का फ़ेसबुक, व्हाट्सएसप में भूकंप के पोस्ट खूब होते लेकिन आज बहुत सीमित संख्या में लोगों को पता चल पाया जिस कारण सोशल मीडिया में भूकंप से संबंधित पोस्ट में कमी देखी गईं।
पिथौरागढ़। शनिवार तड़के उत्तराखंड के सीमांत जिले में भूकंप के झटके से धरती डोली। सुबह 4 बजे भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया, इससे लोगों में अफरा-तफरी फैल गई और वे कड़ाके की ठंड के बीच घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर दौड़े। करीब 15 सेकंड बाद भूकंप शांत होने से लोगों को राहत मिली। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि नेपाल भूकंप का केंद्र था, इसकी तीव्रता 4.8 रिक्टर थी। जिले में इससे कहीं भी नुकसान नहीं हुआ। बताया कि चंपावत सहित अन्य जिलों में भी झटके महसूस किए गए।
नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) और यूनाइटेड स्टेट्स ज्योलॉजिकल सर्वे (USGS) ने नेपाल में भूकंप आने की पुष्टि की। साथ ही जानकारी दी कि इस भूकंप का केंद्र जुम्ला जिले में धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जाल माल का नुकसान की खबर अभी नहीं आयी है, लेकिन भूकंप के झटके सहने के बाद लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। क्योंकि अब से पहले साल 2023 में नेपाल में ही आए भूकंप ने 70 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।पहाड़ी देश नेपाल में भूकंप का आना आम बात है। 17 और 19 दिसंबर को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।19 दिसंबर को नेपाल के पार्शे से 16 किलोमीटर दूरी पर 4.2 और 17 दिसंबर को मेलबिसौनी से 23 किलोमीटर दूरी पर 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए।
वहीं लोहाघाट के शशांक पांडेय ने बताया कि सुबह सुबह भूकंप आने का पता कम लोगों को चल पाया क्योंकि व्यक्ति सुबह के समय गहरी नींद में होता है।उन्होंने कहा कि अगर यही भूकंप जागने के बाद आता तो लोगों का फ़ेसबुक,ह्वाट्सऐप में भूकंप के पोस्ट खूब होते लेकिन आज बहुत सीमित संख्या में लोगों को पता चल पाया जिस कारण सोशल मीडिया में भूकंप से संबंधित पोस्ट में कमी देखी गई।