संजय राउत के घर ईडी का डेरा: 12 अधिकारी, 03 ठिकाने, आठ घंटे से जारी छापेमारी
शिवसेना नेता संजय राउत के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम को दाखिल हुए आठ घंटे से ज्यादा समय हो चुका है। जानकारी के मुताबिक राउत के घर पर 12 अधिकारी जांच कर रहे हैं। वहीं दो अन्य टीमें उनके अलग.अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। इस बीच राउत खिड़की से घर के बाहर भी झांकते हुए नजर आए थे। इसका एक वीडियो भी सामने आया था।
दरअसल, महाराष्ट्र के 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ कर रही है। उन्हें 27 जुलाई को ईडी ने तलब किया था। हालांकि, वह अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी के अधिकारी उनके घर पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि ईडी की टीम राउत को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है।
इस बीच संजय राउत का ट्वीट सामने आया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, मेरा किसी घोटाले से कोई लेना.देना नहीं है। यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं। बाला साहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को झूठी कार्रवाई बताया। कहा झूठे सबूत हैं। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा।
इस बीच भाजपा नेता किरीट सोमैया का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है, मैंने संजय राउत की लूट के सबूत दिए थे। प्रदेश की जनता को लूटने वाले राउत का आज हिसाब होगा। उन्हें नवाब मलिक के पास रहने के लिए जेल जाना ही होगा। वहीं नीतेश राणे ने कहा है कि अब चॉल की जनता को इंसाफ मिलेगा, जो रोज लोगों की सुबह खराब करते थे, उनकी सुबह खराब हो गई।
राउत के घर के बाहर समर्थक मौजूद
संजय राउत के घर पर जैसे ही ईडी की टीम के पहुंचने की खबर सामने आई। उनके समर्थक भी घर पर पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, संजय राउत के समर्थक, उनके आवास ‘मैत्री‘ के बाहर ही डटे हुए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं।
तीन अलग.अलग लोकेशन पर छापा
सामने आया है कि ईडी की तीन टीमों ने एक साथ छापा मारा है। एक टीम राउत के मुंबई स्थित उनके घर पहुंची हैए तो दो टीमें राउत के अलग.अलग ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन वर्ष 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।
कैसे उजागर हुआ मामला
दरअसल, वर्ष 2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच हो रही थी। तभी प्रवीण राउत की उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर राउत की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं।