उत्तराखण्डनवीनतमनैनीताल

झूठा केस दर्ज कराना महिला को पड़ा भारी, कोर्ट ने लिया बड़ा एक्शन, जांच अधिकारी पर भी होगी कार्यवाही

ख़बर शेयर करें -

नैनीताल जनपद में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जहां न्यायालय ने झूठा मुकदमा लिखाने के मामले में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही मामले में पुलिस के जांच अधिकारी के खिलाफ एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिये है। ये सारा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा था।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश की अदालत में शनिवार को झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की आरोपी महिला के खिलाफ 182 दंड प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। यहीं नही एसएसपी को मामले के जांच अधिकारी के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराने को भी कहा है। न्यायालय ने झूठे मुकदमे में फंसे आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिवक्ता राजन सिंह ने बताया है कि पीतांबर मिश्रा ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश निवासी भवाली को अपनी जमीन का सौदा कर दो लाख अपने लड़के और पत्नी के खाते में देने के बाद उसकी परित्यागता पुत्री ज्योति जोशी षड्यंत्र के तहत सौदा कैंसिल करने की नीयत से प्रेम प्रकाश और उसके भाई द्वारा उसके साथ छेड़खानी करने कपड़े फाड़ने जान से मारने और गली गलौज करने की तहरीर थाना भवाली में फरवरी 2023 को दर्ज कराई। घटना की विवेचना पूर्ण करने के बाद विवेचक ने दोनों भाइयों के विरुद्ध अंतर्गत धारा 504, 506, 354 भारतीय दंड संहिता की धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। न्यायालय में आरोप पत्र आने के उपरांत अभियोजन द्वारा कुल 7 गवाहों को परीक्षित करवाया। अभियुक्तों की ओर पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने पूरा मामला जमीन से संबंधित होने और जमीन के रेट बढ़ाने पर सौदा कैंसिल करने की नीयत से ज्योति जोशी द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर झूठा मुकदमा दायर करने के गवाहों बयान में विरोधाभास, वीडियो के आधार पर कोर्ट में मजबूती से केस को लड़ा। जिसके बाद न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में ज्योति जोशी के विरुद्ध 182 की कार्रवाई करते हुए परिवाद दर्ज किया गया। जांच अधिकारी की विरुद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई कर रिपोर्ट न्यायालय में देने का निर्देश किया गया है। अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने न्यायालय में बहस के समय सारे तथ्यों से अवगत कराकर तथा विभिन्न न्यायालयों की नजीरों को प्रस्तुत किया। जिस आधार पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश शर्मा और उसके भाई को दोष मुक्त करार दिया।