विश्व प्रसिद्ध जोड़ मेले को लेकर एसडीएम की मौजूदगी में व्यवस्थाओं को दिया गया अंतिम रूप
मेले में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों का मेहमान की तरह स्वागत एवं किया जाना चाहिए उनका सम्मान: एसडीएम, बैठक में गैर मौजूद अफसरो के विरुद्ध की जाएगी कार्रवाई
चम्पावत। मीठे रीठे के चमत्कार के लिए दुनिया में प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री रीठासाहिब में 9 से 11 जून तक होने वाले सालाना जोड़ मेले को लेकर बुधवार को एसडीएम नितेश डांगर ने जिला स्तरीय अधिकारियों एवं गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के बीच हुई बैठक में सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया।
गुरुद्वारा परिसर में एसडीएम डांगर द्वारा आयोजित बैठक में तय किया गया कि मैदानी क्षेत्र से कोई भी डबल डेकर वाहन इस मार्ग में संचालित नहीं किए जाएंगे। सूखीढांग से रीठासाहिब तक 50 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग को पीएमजीएसवाई एवं लोनिवि अपने-अपने क्षेत्र में सड़क को सुगम यातायात के लिए 30 मई तक बनाया जाए। इस मार्ग में 5 जेसीबी हर वख्त तैयार रहेंगी। परेवा पार्किंग स्थल में तीर्थ यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, रैनबसेरों का निर्माण किया जाएगा। जबकि स्नान घाट में महिला तीर्थ यात्रियों के वस्त्र बदलने के लिए पांच स्थान निर्धारित किए गए हैं। गुरुद्वारा परिसर के आसपास उरेडा द्वारा हाय मास्क व स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी।

यात्रा मार्ग में जहां सिख संगत द्वारा लंगर लगाए जाते हैं, वहां पेयजल, शौचालय एवं स्वच्छता का पुख्ता बंदोबस्त किया जाना चाहिए। बड़े वाहनों के लिए सूखीढांग से रीठासाहिब के लिए प्रतिबंधित किया गया है। एसडीएम ने विभिन्न स्थानों में साइन बोर्ड लगाने, टाण में 10 बेड का चिकित्सालय शुरू हो जाएगा तथा अन्य मार्गों में एम्बुलेंस सेवा दी जाएगी। दो पहिया वाहनों से तेज आवाज करने वाले साइलेंसर हटाया जाएगा।
एसडीएम ने सभी कार्यों को पूरा करने के लिए 30 मई की समय सीमा निर्धारित करते हुए कहा कि यह ऐसा मेला है जिसमें बाहरी क्षेत्र के लोग तीर्थ यात्री के रूप में आते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उनका एक मेहमान की तरह स्वागत एवं अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए।
बैठक में मौजूद सीओ एसएस राणा ने कहां की सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए जाएंगे, सिविल वर्दी में पुलिस की तैनाती के साथ हर स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल 24 घंटे तैयार रहेगा। बैठक में गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह जी दिल्ली से कार सेवा प्रमुख बाबा सुरेंद्र सिंह के प्रतिनिधि चरणजीत सिंह ने चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी एवं अधिकारियों के सहयोग एवं समन्वय के बल पर यह मेला शांतिपूर्वक संचालित किया जाता रहा है। बाबा श्याम सिंह ने बताया की मेले में एक लाख से अधिक लोगों के आने का अनुमान है। बैठक में एआरटीओ मनोज बघेलिया, पीएमजीएसवाई के बीएस बोरा, जल संस्थान के बिलाल यूनुस के अलावा लोनिवि के पंकज राय, थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह ने मेले का उद्घाटन पूर्व की तरह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों कराने का जिला प्रशासन से अनुरोध किया।
मेला क्षेत्र में किसी भी अधिकारी का स्थाई कार्यालय ना होने के कारण थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट सभी विभागों के बीच तालमेल स्थापित कर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में अपना सहयोग देंगे तथा जिला प्रशासन से उनका बराबर संपर्क बना रहेगा। एसडीम नितेश डांगर मेले की व्यवस्थाओं का समय समय पर स्वयं भी जायजा लेगी।
मालूम हो कि करीब तीन सप्ताह पूर्व जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा जिला कार्यालय में बैठक आयोजित कर सभी अधिकारियों को व्यवस्था की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद 15 मई को उन्होंने अधिकारियों के साथ सड़क समेत तमाम व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया था। जिलाधिकारी का मानना है कि यहां होने वाला मेला चम्पावत जिले की दुनिया में अलग पहचान बनाता है, जिसे देखते हुए यात्रियों को सभी सुख सुविधाये देने में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
