चम्पावत में शुरू हुआ प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव, सीएम धामी ने किया शुभारंभ, जानें सीएम धामी ने क्या कहा …
चम्पावत। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यहां जवाहर नवोदय विद्यालय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) देहरादून एवं जिला प्रशासन चम्पावत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवशीय आयोजित प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव 2022 का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह विज्ञान महोत्सव अपने आप में अति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसा पहला विज्ञान आधारित महोत्सव है, जो दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के लिए आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमान्त 6 जनपदों से आये सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं समस्त वैज्ञानिक और प्रबुद्ध जनों का स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का मुख्य विषय पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान है। पारम्परिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान, विकास के दो ऐसे घटक हैं जो विज्ञान आधारित विकास के लिए सुदृढ़ नींव का काम करते हैं।
यह प्रथम सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव राज्य में वैज्ञानिक अवधारणा को पुष्ट करने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्य के हर दूरस्थ क्षेत्र तक वैज्ञानिक तकनीक पहुंचे। मुख्यमंत्री द्वारा महोत्सव में राज्य के उत्तरकाशी, चमोली रुद्रप्रयाग बागेश्वर चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले से लगभग 250 स्कूली बच्चे जो पिछले कुछ हफ्तों में ब्लॉक और जिला स्तर पर प्रतिस्पर्धा के बाद चयनित होकर आये थे उन सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जन जन तक विज्ञान पहुंचे और हर बच्चे में वैज्ञानिक सोच विकसित हो, यही हमारा ध्येय है और यही इस विज्ञान महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य भी है। महोत्सव में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं (पोस्टर मेकिंग, ड्रामा, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, कविता पाठ आदि) के माध्यम से आप सभी बच्चे अपनी अभिरुचियों से रूबरू अवश्य होंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस विज्ञान महोत्सव को आयोजित करने के पीछे सरकार की यही मंशा है कि राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में विज्ञान की गूंज हो, पर्वतीय जनपदों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं में वैज्ञानिक सोच विकसित हो और वो विज्ञान विषय में रुचि लें। उन्होंने बच्चों से कहा कि वह हर एक नई जिज्ञासा के साथ देखें और प्रश्न पूछे तथा समाधान खोजने की कोशिश करें। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस दौर में हमारे बच्चे देश और दुनिया से कंधे से कंधा मिलाते हुए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा केदारनाथ की पावन भूमि से कहा था कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा और इसी को साकार करने की दिशा में हम लगातार कार्य कर रहे हैं, उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए और आदर्श उत्तराखंड तथा आदर्श चम्पावत की परिकल्पना को साकार करने के लिए इस विज्ञान महोत्सव जैसे कार्यक्रम सुदृढ़ नींव का कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि चम्पावत की भौगोलिक परिस्थितियां पूरे उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करती है यहाँ पर मैदानी, उच्च एवं मध्य हिमालयी क्षेत्र है इसीलिए हमने आदर्श उत्तराखण्ड के लिए सबसे पहले चम्पावत जनपद को मॉडल जनपद के रूप में विकसित करने का प्रण लिया है जिसके लिए राज्य सरकार के सभी विभाग अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं और यूकॉस्ट इसमें नोडल एजेंसी का कार्य कर रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मिले। इसके लिए हमने अनेक योजनाएं चलाई हैं और हमारी कोशिश है कि सभी योजनाओं और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाये। सरकार राज्य में शोध,अनुसंधान और नवाचार विज्ञान पर विशिष्ट ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास का हमारा सपना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस दौर में शोध, अनुसन्धान और नवाचार के बिना पूरा नहीं किया जा सकता इस हेतु विज्ञान के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग किये हैं, और भविष्य में भी करते रहेंगे। राज्य में वैज्ञानिक सोच को जागृत करने, विज्ञान शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु और नवाचार अनुसन्धान को प्रोत्साहित करने के लिए साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य के हर क्षेत्र तक अनुसन्धान और शोध गतिविधियों को पहुँचाने हेतु लैब्स ऑन व्हील का कांसेप्ट हम राज्य के हर जनपद के लिए लेकर आये हैं, ताकि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक भी शोध और अनुसन्धान गतिविधियां पहुंच सकें। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में जागरूकता हेतु हल्द्वानी में यूकॉस्ट और एरीज साथ मिलकर ‘एस्ट्रो पार्क’ का निर्माण कर रहे हैं जो पारम्परिक और आधुनिक ज्ञान एवं विज्ञान का मिश्रण होगा।
राज्य में समय समय पर विज्ञान आधारित कौशल विकास कार्यक्रम भी संचालित किये जाते रहे हैं ताकि वैज्ञानिक चेतना का प्रसार होगा और राज्य में विज्ञान आधारित गतिविधियों में वृद्धि हो, उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विकास आधारित योजनाओं के लिए नींव का काम करते हैं।इसी क्रम में अल्मोड़ा में एक उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है जहाँ पर विज्ञान आधारित गतिविधियां और कार्यक्रम संचालित होंगे। चम्पावत में विज्ञान केंद्र की स्थापना प्रस्तावित है ताकि क्षेत्र में विज्ञान आधारित शिक्षा और जागरूकता का संचार हो। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत कि परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार के सभी विभाग अपने अपने स्तर से विज्ञान आधारित विकास योजनाएं बनाने और क्षेत्र में उनके सफल क्रियान्वयन का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संवाद आधारित विकास मॉडल विकसित करना सरकार का ध्येय है, जन संवाद के माध्यम से क्षेत्र विशेष कि जरूरतों और आवश्यकताओं की जानकारी मिलती है, इसलिए हम लगातार जन संवाद करते रहते हैं ताकि राज्य के सतत विकास हेतु एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ लक्ष्य आधारित योजनाएं बनाई जा सकें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में विषम भौगोलिक परिस्थियाँ होने के कारण कई बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है इसलिए यहाँ पर उपस्थित सभी नन्हे वैज्ञानिकों को सोचना है कि कैसे इन समस्याओं को निकाला जाये, बच्चे राज्य का ही नहीं बल्कि देश का भी भविष्य तय करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। सरकार इस क्षेत्र में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह विज्ञान महोत्सव बच्चों के वैज्ञानिक स्वभाव को सुधारने, उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को शांत करने और वैज्ञानिक सोच समझ में सुधार करने में मदद करेगा। यह महोत्सव बच्चों के लिए अपनी मौलिकता और नवीनता प्रदर्शित करने और उत्तराखंड का उज्ज्वल भविष्य बनने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। उन्होंने महोत्सव के सफल आयोजन हेतु सभी को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर महोत्सव में विशिष्ट व्यक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु 5 वैज्ञानिकों व व्यक्तियों जी एस रौतेला, देवेंद्र मेवाड़ी, कल्याण सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, डॉ अशोक पंत को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत द्वारा आयोजित दो दिवशीय विज्ञान महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महोत्सव में आयोजित संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा सीमांत जिलों से आए बाल वैज्ञानिकों से भी संवाद कर उनकी जिज्ञासाओं को जाना तथा उन्हें आस्वस्त किया, जिसमें बागेश्वर से आई बाल वैज्ञानिक प्रिया महर द्वारा बागेश्वर की खोली गई अटल लैब को अन्य जनपदों में भी खोले जाने, चमोली से आई निकिता चमोली एवं उत्तरकाशी से आई अंकिता रावत द्वारा उनके जनपद में भी इसी प्रकार का विज्ञान महोत्सव का आयोजन कराए जाने,रूद्रप्रयाग जिले से आई मधु रावत द्वारा उनके जिले में टिंकरिंग लैब खोले जाने, पिथौरागढ़ से आए बाल वैज्ञानिक लक्ष्य रौतेला द्वारा अंतरिक्ष क्लब तथा लैब की स्थापना किए जाने व चम्पावत की प्रियंका उप्रेती द्वारा इस प्रकार के विज्ञान महोत्सव लगातार आयोजित करने की बात मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम स्थल में लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन कर वैज्ञानिकों व आयोजकों से जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय में मल्टीपर्पज हॉल के निर्माण किए जाने, जिम कक्ष का निर्माण व खेल मैदान का विस्तारीकरण करने की घोषणा की। कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, जिलाध्यक्ष भाजपा निर्मल माहरा, जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए वैज्ञानिक प्रबुद्धजन जनप्रतिनिधि बाल वैज्ञानिक, यूकॉस्ट के अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।