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पंतनगर किताब कौतिक का पहला चरण प्रारंभ, बच्चों ने सीखी कविता लेखन की बारीकियां

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पंतनगर (ऊधमसिंहनगर नगर)। किताब कौतिक आयोजन समिति व क्रिएटिव उत्तराखंड द्वारा पंतनगर में आयोजित किताब कौतिक का पहला चरण प्रारंभ हो गया है। चाइल्ड सेक्रेड सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिंदुखत्ता में आयोजित बाल लेखन कार्यशाला में आज समीपवर्ती 4 स्कूलों के लगभग 5 दर्जन बच्चों ने कविता लेखन की बारीकियां सीखी।

कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि हरिद्वार से आए साहित्यकार व प्रख्यात रंगकर्मी प्रकाशचंद्र पांडे ने किया। प्रारंभ में चाइल्ड सेक्रेड सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एमडी सुनीता पांडे ने सभी का स्वागत किया। प्रधानाचार्य एलएम कांडपाल ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित गैर शैक्षणिक कार्यक्रमों के महत्व की जानकारी देते हुए बच्चों से सक्रिय सहभागिता करने को कहा। कार्यशाला की शुरुआत’ज्ञान का दीया जलाने’ विज्ञान गीत से हुई। अध्यक्ष मंडल में दीक्षा पाल, दीया, गर्वित व दिव्यांशु को शामिल किया गया।

कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बालप्रहरी के संपादक एवं बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने बताया कि कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक बालप्रहरी द्वारा देश के 16 राज्यों में 302 कार्यशालाएं लगाई जा चुकी हैं। साथ ही 1038 आनलाइन कार्यशालाएं भी आयोजित की जा चुकी हैं। किताब कौतिक के संयोजक हेम पंत ने कहा कि किताब कौतिक में जहां देश विदेश के प्रमुख साहित्यकारों व लेखकों की पुस्तकें होंगी वहीं कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे स्थानीय बच्चों की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगेगी। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से किताब कौतिक का आयोजन सैम मानेकशॉ ग्लोबल स्कूल जवाहरनगर (पंतनगर) में 8,9 तथा 10 नवंबर को होगा।

आज बच्चों ने तोता कहता है, जैसा मैं कहूं, नेताजी की खोज, कितना बड़ा पहाड़ तथा पिज्जा हट आदि खेलों में खूब मस्ती की। नाम लेखन प्रतियोगिता, शब्द लेखन प्रतियोगिता, पहाड़ा लेखन प्रतियोगिता में गोविंदी आर्या, मानसी रावत, दीक्षा मेहरा, काव्या मेवाड़ी, विवेक, हर्षित आदि बच्चों को पुरस्कार में श्याम पांडेय, राकेश चक्र, डॉ दीपा कांडपाल आदि के सौजन्य से प्राप्त पुस्तकें उपहार में दी गईं। बच्चों को कविता की जानकारी देते हुए प्रख्यात रंगकर्मी व साहित्यकार प्रकाश पांडे ने कहा कि कविता मन के भाव होते हैं। उन्होंने कहा कविता कोई सिखाने की विधा नहीं है, परंतु बच्चों की कविता में तुकबंदी, लय का ध्यान दिया जाना जरूरी है।

आज बच्चों ने हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरे जीवन की घटना आदि तैयार की। कार्यशाला अगले 4 दिन तक प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक चलेगी। इस अवसर पर कविता आर्या, मनीषा, दीपा रौतेला, काजल बिष्ट, पाठक आदि उपस्थित थे।