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पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह नहीं रहे, लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन

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मनमोहन सिंह सरकार में विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह ने शनिवार देर रात गुड़गांव के अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। वे 95 बरस के थे। बेहतरीन कूटनीतिज्ञ और कुशल राजनेता के रूप में जाने गए। नटवर सिंह राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। उनका जन्म 16 मई, 1929 को भरतपुर में हुआ था। नटवर सिंह एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने मनमोहन सरकार में मई 2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। उनके पुत्र जगत सिंह फिलहाल भरतपुर के नदबई से भाजपा विधायक हैं। नटवर सिंह की पत्नी हेमिंदर कौर कैप्टन अमरिंदर सिंह की बहन हैं। नटवर सिंह का अंतिम संस्कार आज दिल्ली में होगा। नटवर दो बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे।

नटवर सिंह भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ थे। वे 1953 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने यूनिसेफ के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया था। साल 1963 से 1966 के बीच कई संयुक्त राष्ट्र समितियों में काम किया। उन्हें 1966 में इंदिरा गांधी के अधीन प्रधानमंत्री सचिवालय में तैनात किया गया। साल 1971 से 1973 तक वे पोलैंड में भारत के राजदूत रहे थे। फिर 1980 से 1982 तक उन्होंने पाकिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। सिंह ने विदेश मंत्रालय में सचिव के रूप में भी कार्य किया था। साल 1984 में नटवर सिंह को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसी साल उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

अपनी किताब के कारण रहे थे चर्चा में
भारतीय विदेश नीति पर गहरी छाप छोड़ने वाले नटवर सिंह नेहरू–गांधी परिवार के बहुत करीबी लोगों में से एक थे। नटवर सिंह एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने कई किताबे लिखी हैं। अपनी आत्मकथा ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ में अपने समय के कई राज हैं। जिसके कारण भी विवादों और सुर्खियों में भी रहे थे।