पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लंबी बीमारी के बाद RML अस्पताल में निधन
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। सत्यपाल मलिक को 11 मई को किडनी में इंफेक्शन बढ़ने के चलते दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी दोनों किडनी खराब थीं और उनका डायलिसिस हो रहा था। बीच में आराम मिलने पर उन्हें आईसीयू से आरएमएल के नर्सिंग होम में शिफ्ट कर दिया गया था।
लेकिन बाद में फिर से नर्सिंग होम के ही आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मलिक का इलाज नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर ललित की देखरेख में चल रहा था। जानकारी के मुताबिक सत्यपाल मलिक का निधन, 5 अगस्त आज दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर हुआ। नेफ्रोलोजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हिमांशु महापात्रा की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। डॉ ललित उनका इलाज कर रहे थे। बीच में कई बार आराम मिलने पर उन्हें आईसीयू से आरएमएल के नर्सिंग होम में शिफ्ट कर दिया गया था। सत्यपाल मलिक के एक्स हैंडल से पोस्ट करके भी उनकी तबीयत बिगड़ने के बारे में कई बार जानकारी दी जाती रही।
कुछ दिन पहले ही सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मैं रहूं या न रहूं पर मैं सच बताना चाहता हूं। उन्होंने ये भी आरोप लगाए थे कि उन्हें सरकार किसी तरह से फंसाने में लगी हुई है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि उनके पास धन दौलत होती तो वो प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराते। 7 जून को सत्यपाल मलिक ने X पर किया था पोस्ट -नमस्कार साथियों। मैं पिछले लगभग एक महीने के करीब से हस्पताल में भर्ती हूं और किड़नी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों सुबह से मैं ठीक था लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं- जब गवर्नर के पद पर था तो उस समय मुझे 150-150 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश भी हुई परंतु में मेरे राजनीतिक गुरु किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा ओर मेरा ईमान वो कभी डिगा नहीं सके।
केंद्र सरकार पर लगाया CBI का डर दिखाने का आरोप- पूर्व राज्यपाल के एक्स हैंडल के पोस्ट में ये भी लिखा था कि ”सरकार मुझे सीबीआई का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है, जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री जी को बताया था इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद में किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ। मैं सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, मैं ना तो डरने वाला हूं ओर ना ही झूकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पूरी ताकत लगा दी, अंत में मेरा सरकार से ओर सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि आपको छानबीन में मेरे पास मिला क्या? हालांकि सच्चाई तो यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने का मौका मिलने के बाद आज़ भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं ओर कर्ज में भी हूं। अगर आज मेरे पास धन दौलत होती तो मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाता।
बता दें कि सतपाल मलिक के जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए ही वहां पर धारा 370 को हटाकर के जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उनको कुछ समय के लिए उपराज्यपाल की भी जिम्मेदारी दी गई थी। फिर उनको गोवा का राज्यपाल बनाया गया था।
