खटीमा में बाघ की खाल के साथ पकड़े गए पिथौरागढ़ जिले के चार वन्य जीव तस्कर, 11 फुट लंबी बाघ की खाल हुई बरामद, एसटीएफ, वन विभाग एसओजी व वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की संयुक्त कार्यवाही
खटीमा। सीओ एसटीएफ सुमित पांडेय के नेतृत्व में उत्तराखंड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीम ने कल रात्रि खटीमा क्षेत्र में कार्यवाही करते हुए 04 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 01 टाइगर (बाघ) की खाल व करीब 15 किग्रा बाघ की हड्डी बरामद की है। गिरफ्तार चारों तस्कर जनपद पिथौरागढ़ स्थित धारचूला के रहने वाले हैं और लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त थे।
जानकारी के अनुसार कल शाम एसटीएफ को गोपनीय सूचना मिली कि चार शातिर तस्कर एक सफेद रंग की बोलेरो जीप से खटीमा की तरफ आ रहे हैं। जिस पर संयुक्त टीम द्वारा घेराबन्दी कर उन्हें खटीमा टॉल प्लाजा के पास रोक लिया। तलाशी लेने पर वाहन के अन्दर से टाइगर की खाल व भारी मात्रा में हड्डियाँ बरामद हयी। गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उक्त टाइगर की खाल व हड्डी को वे काशीपुर निवासी एक व्यक्ति से लाये थे और जिसे आज बेचने के लिए खटीमा ले जा रहे थे। अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध तराई पूर्वी वन प्रभाग खटीमा में वन्यजीव जन्तू संरक्षण अधिनियम में पंजीकृत कराया गया। अभियुक्तों से तस्करी के सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही हैं। एसटीएफ की इस कार्यवाही में आरक्षी महेन्द्र गिरि व किशोर कुमार की विशेष भूमिका रही ।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि एसटीएफ को पिछले कई दिनों से कुमायूँ के जंगलों से वन्यजीव-जन्तुओं के अवैध शिकार की सूचनाएँ प्राप्त हो रही थीं। जिस पर कुमायूँ युनिट को लगाया गया था। आज हमारी टीम के द्वारा वाइल्ड लाइफ दिल्ली व खटीमा फोरेस्ट टीम के साथ एक ज्वांइट ऑपरेशन चलाकर 04 वन्यजीव तस्करों को भारी मात्रा में वन्यजीव अंगों के साथ गिरफ्तार किया गया है, अब तक की सबसे बड़ी टाइगर स्किन है जिसकी लम्बाई करीब 11 फिट है, इतने बड़े टाइगर (शेर) का शिकार कहां और कब किया गया इसकी पूरी जानकारी एसटीएफ द्वारा जुटायी जा रही है, शीघ्र ही आगे और गिरफ्तारियाँ की जायेंगी। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है, पकड़े गये चारों तस्करों के विरुद्ध फॉरेस्ट विभाग खटीमा में वन्यजीव अधि० व वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
एसएसपी एसटीएफन जनता से अपील की है कि वे वन्यजीवों की तस्करी करने वाले तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखण्ड ( 0135-2656202) से सम्पर्क करें। उत्तराखंड एसटीएफ आगे भी वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही करती रहेगी, ताकि सीधे-साधे व बेजुबान जानवरों के शिकार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:-
1- कृष्ण कुमार पुत्र वीर राम निवासी ग्राम बगीचा, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
2- गजेंद्र सिंह पुत्र भगत सिंह निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
3- संजय कुमार पुत्र नंदन राम निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
4- हरीश कुमार पुत्र शेर राम निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़।
बरामदगी का विवरण :-
1- 01 टाइगर (बाघ) की खाल – लम्बाई 11 फिट
2- करीब 15 किग्रा बाघ की हड्डियाँ
3- एक बोलेरो जीप संख्या UKO5TA2815
गिरफ्तार करने वाली टीम :-
एसटीएफ कुमायूँ यूनिट- निरीक्षक एम0पी0सिंह, उ0निरी0 के०जी०मठपाल, उ0 नि0 बृजभूषण गुरुरानी, मुख्य आरक्षी महेंद्र गिरी, मुख्य आरक्षी किशोर कुमार, मुख्य आरक्षी दुर्गा सिंह पापड़ा, आरक्षी गुरवंत सिंह, आरक्षी चालक संजय कुमार