एक दिसंबर से उत्तराखंड आने वाले वाहनों से वसूला जाएगा ग्रीन सेस, 40 एंट्री पॉइंट पर लगाए गए ANPR कैमरे, जानें कैसे कटेगा टैक्स
देहरादून। आगामी एक दिसंबर से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों पर ग्रीन सेस लगेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि दूसरे राज्यों से आने वाले सभी प्रकार के वाहनों को राज्य की सीमा में प्रवेश करते ही एंट्री टैक्स के रूप में ग्रीन सेस देना होगा। परिवहन विभाग की मानें तो ग्रीन सेस की वसूली पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी। वाहनों के FASTag से पैसे खुद ही कट जाएंगे। इस प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए पूरे प्रदेश में 40 से ज्यादा एएनपीआर (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं।
देहरादून आरटीओ संदीप सैनी के मुताबिक, परिवहन विभाग ने इस पूरी व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से करार किया है। यह कंपनी उत्तराखंड की सीमाओं पर लगे 16 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों के जरिए बाहरी वाहनों की पहचान कर सेस वसूली करेगी।
यहां लगे हैं एएनपीआर कैमरे-
– एक कैमरा मुख्य एंट्री गेट पांवटा साहिब (हिमाचल सीमा) पर है, जबकि, बाकी कैमरे उत्तर प्रदेश बॉर्डर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं।
गढ़वाल क्षेत्र में यहां लगे कैमरे : कुल्हाल (उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश सीमा), तिमली रेंज, आशारोड़ी सीमा, नारसन बॉर्डर, गोवर्धनपुर, चिड़ियापुर आदि।
कुमाऊं क्षेत्र में यहां लगे कैमरे : खटीमा, काशीपुर, जसपुर, रुद्रपुर, पुल भट्टा (बरेली रोड) समेत कई स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं।
इन वाहनों को मिलेगी छूट : दो पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन, CNG वाहन, सरकारी वाहन, एंबुलेंस और अग्निशमन वाहन
वाहन श्रेणी के अनुसार सेस दरें : चार पहिया वाहन से 80 रुपए लिया जाएगा, डिलीवरी वैन से 250 रुपए लिया जाएगा,
भारी वाहनों से 120 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सेस लिया जाएगा, बस से 140 रुपए लिया जाएगा, ट्रक की बात करें तो आकार के अनुसार 140 से 700 रुपए तक लिया जाएगा।
24 घंटे के बाद दोबारा प्रवेश करता है तो दोबारा लिया जाएगा टैक्स
देहरादून आरटीओ के मुताबिक, उत्तराखंड में आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस लिया जा रहा है। यदि वाहन 24 घंटे के बाद दोबारा प्रदेश में प्रवेश करता है तो दोबारा यह टैक्स लिया जाएगा। वहीं, विभागीय अनुमान के मुताबिक, ग्रीन सेस से हर साल 100 से 150 करोड़ रुपए तक का राजस्व मिल हो सकता है।
सरकार का कहना है कि यह निर्णय उत्तराखंड में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया जा रहा है। इस ग्रीन सेस से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल वायु प्रदूषण पर नियंत्रण, सड़क सुरक्षा और शहरी परिवहन सुधार में किया जाएगा। बता दें कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में पहले से ही निजी वाहनों से एंट्री टैक्स के रूप में ऐसा शुल्क लिया जा रहा है। अब उत्तराखंड सरकार भी में उसी राह पर आगे बढ़ रही है।

